मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


घर-परिवार बागबानी


आयुर्वेद की दृष्टि से उपयोगी बारह पौधे
जो हर घर में उगाए जा सकते हैं।
(संकलित)


८- अजवायन का पौधा
कैरम, अजवायन या कर्पूरवल्ली एक पत्तेदार जड़ी बूटी है जो समशीतोष्ण जलवायु में वार्षिक एवं उष्णकटिबंधीय जलवायु में बारहमासी के रूप में बढ़ती है। अजवायन के बीज भारत के व्यंजनों में उपयोग होने वाले कुछ प्रमुख मसालों में से एक है। इसमें कई प्रकार के आयुर्वेदिक गुण भी पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी हो सकती है। यह एक प्रकार का सुगंधित तथा स्वादिष्ट बीज है, जिसे कई प्रकार के व्यंजनों में डाला जाता है। लेकिन इसके पत्तों का भी उपयोग होता है। विशेष रूप से बेसन के साथ इसके पकौड़े स्वादिष्ट एवं पाचक होते हैं।

इसे घर में उगाना आसान है। गमलों में इसके बीज डालकर इसे तैयार किया जा सकता है। बगीचे की मिट्टी में खाद और रेत मिलाकर मिट्टी तैयार करें और उस पर इन्हें फैला दें। ऊपर से चौथाई इंच मोटी मिट्टी के एक परत से ढँक दें और नियमित रूप से हल्की सिंचाई करें। इन गमलों को आंशिक छाया में रखना चाहिये। ७ से १५ दिन में इनमें अंकुर निकल आते हैं। इन्हें सींचते रहें। ध्यान रखें कि अजवायन के पौधे को बहुत अधिक पानी नहीं चाहिये। उन्हें ऐसे गमले में लगाएँ जिसमें पानी का निकास ठीक से हो सके। अजवायन के पौधे को कटिंग से भी लगाया जा सकता है। अगर पौधे बहुत पास पास हों तो बीच से कुछ पौधे निकालकर उन्हें अन्यत्र लगा सकते हैं। दो पौधों के बीच की आदर्श दूरी छह इंच होती है। इसलिये एक १२ इंच के गमले में तीन या चार से अधिक पौधे नहीं होने चाहिये।

पृष्ठ- . . . . . . . .

१ अगस्त २०२०

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।