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सात बातें जिनके लिये झिझक नहीं होनी चाहिये
कुछ उपयोगी सुझाव (संकलित)
६- मानसिक उलझन में सलाह लेने में-
हम
सबको कभी न कभी घने मानसिक दबाव को झेलना पड़ता है। यह
तनाव चाहे आर्थिक हो, शारीरिक हो, मानसिक या फिर परिवार में
किसी सदस्य के आर्थिक, मानसिक या शारीरिक कष्ट के कारण उत्पन्न हुआ हो,
महिलाओं पर इसका गहरा असर होता है। विशेष रूप से इसलिये
क्यों कि वे अपने मन की बात किसी से कह नहीं सकतीं। जब भी ऐसा लगे कि आप किसी भावनात्मक दलदल
या नशे में फँस रही हैं, यदि आपको ऐसा लगे कि आप में
आत्महत्या या निराशा की मानसिकता बन रही है तो परिवार में
किसी समझदार और विश्वसनीय बड़े बूढ़े जैसा आपकी माँ या
दादी से अपने मन की बात साझा
करें और परिस्थितियों को नियंत्रण में रखने की कोशिश करें।
आवश्यकता होने पर एक से अधिक व्यक्तियों की सलाह लें। यदि ऐसा लगे
कि परिवार में किसी से अपने मन की बात साझा नहीं की जा
सकती है तो किसी व्यावसायिक विशेषज्ञ की सलाह पाने की
कोशिश करें। शारीरिक स्वास्थ्य की ही तरह मानसिक
स्वास्थ्य का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। इसकी सुरक्षा
में झिझकें नहीं।
१६ जून १९१४
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