सात बातें जिनके लिये झिझक नहीं होनी चाहिये
कुछ उपयोगी सुझाव (संकलित)
४- लोगों को अपने जीवन से बाहर करने पर
अक्सर कुछ ऐसे लोग जीवन में आ जाते हैं तो तमाम सहनशीलता
का परिचय देने के बावजूद आपको सताना नहीं छोड़ते। पड़ोसी-
जो हमेशा आपको नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं, सहयोगी- जो
आपका मजाक उड़ाते हैं, मित्र -जो मित्रता के नाम पर पीठ
में छुरी भोंकते है, रिश्तेदार- जिन्हें रिश्ते से नहीं
सिर्फ सुविधा और पैसे से मतलब है, ऐसे लोगों से चुपचाप दूर
हो जाना ही अच्छा है। वे बुलाएँ तो विनम्रता पूर्वक मना कर
दें, या फिर व्यस्तता का बहाना कर दें। अपने को बार बार उन
स्थितियों में न डालें जिनसे कष्ट होता है, जो आपकी सुख और
शांति भंग कर देते हैं। इन सब प्रकार के लोगों को क्षमा कर
दें और बुरी यादों और घटनाओं को मन से निकाल दें।
प्रतिस्पर्धा के इस युग में अकारण मन को परेशान रखने का
कोई लाभ नहीं हैं। बार बार मिल कर अनबन बनाए रखने से अच्छा
है कि दूर से औपचारिकता और स्नेह बनाये रखा जाए। फेसबुक
संपर्क- जो काम के समय बात करने पर मजबूर करते हैं, बिना
पूछे अपना रोना-धोना शुरू कर देते हैं, आपकी व्यक्तिगत
बातों को पूछते है, इच्छा के विपरीत आचरण करते हैं या
अश्लील चित्र भेजते हैं उन्हें तुरंत ब्लाक करें। ऐसे
लोगों को अपने जीवन से निकालने में कोई झिझक नहीं होनी
चाहिये। (अगले अंक
में एक और सुझाव)
१९ मई १९१४
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