सात बातें जिनके लिये झिझक नहीं होनी चाहिये
कुछ उपयोगी सुझाव (संकलित)
६- अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में-
अक्सर महिलाओं को परिवार के अन्य सदस्यों के लिये विशेष
रूप से अपने भाई, पिता या पति के लिये अपने लक्ष्य- पढ़ाई
या कार्यक्षेत्र को छोड़ना पड़ता है। यह उसके जीवन में
बहुत बड़ी निराशा ला सकता है। इसलिये ऐसा करते समय ठीक से
सोचें कि क्या ऐसा करना जरूरी है?
या आप जबरदस्ती बलि का बकरा बन रही हैं?
अगर ऐसा करना किसी परिस्थिति में जरूरी हो तो भी आप
परिवार से बात कर सकती हैं कि जैसे ही परिस्थितियाँ
सामान्य होंगी आप अपने जीवन के लक्ष्य की ओर फिर से
बढ़ेंगी। यह आपके लिये, आपके मानसिक और आत्मिक संतुलन के
लिये जरूरी है। "जैसा आप कहें"
कहकर अपने लक्ष्य को छोड़ देना
बुद्धिमानी नहीं है। भावुकता में लिये गए निर्णय भविष्य के
लिये घातक सिद्ध हो सकते हैं। इसलिये अपने लक्ष्य की ओर
बढ़ने में संकोच नहीं होना चाहिये। धन की कमी हो तो छोटी
मोटी सम्मानजनक नौकरी और परिश्रम से अपने लक्ष्य की ओर
बढ़ते रहना ही समझदारी है।
(अगले अंक
में एक और सुझाव)
९ जून १९१४
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