कथा महोत्सव में पुरस्कृत-
यू.के. से गौतम सचदेव की कहानी
जीरे वाला गुड़
हैरिस
ने बताया था कि वे ज़रा पुराने ख़याल के हैं। उसकी इच्छा थी
कि जब वे आएँ, तो मैं उनके पैर छूकर प्रणाम करूँ। मैं सोच
रही थी कि हवाई अड्डे पर हैरिस ने तो यह काम बखूबी कर लिया
होगा, लेकिन मैं कैसे करूँगी। जब वे आए, तो मैं उनके पैरों की
ओर हाथ बढ़ाकर झुक गई, लेकिन एक तो मुझे पैर छूना नहीं आता
और दूसरे प्रसव के बाद अभी मेरे टाँके नहीं खुले थे, इसलिए
मुझे पूरा झुकने में कष्ट हुआ। उन्होंने पंजाबी में जाने
क्या कहा, जिसका हैरिस ने अनुवाद करके बताया कि वे तुम्हें
सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दे रहे हैं। मैं 'थैंक यू' कहकर
कृतज्ञता से मुस्कुराने लगी। शायद उन्हें अहसास हुआ कि मैं
पंजाबी नहीं समझती, इसलिए डैडी ने पंजाबीनुमा लहजे
में दुबारा आशीर्वाद दिया, 'गौड ब्लेस यू।' उन्हें सोफे पर
बैठने के लिए कहकर आँखें नीची किए हुए मैं भी उनके सामने बैठ
गई। हैरिस मेरे साथ बैठ गया। ज्योंही मैंने नज़र उठाई, तो
पाया कि वे मुझे देख रहे थे। वे मुझसे पहली बार मिल रहे थे।
मैं भी उनसे पहली बार मिल रही थी।
रामनवमी
के अवसर पर
अनुराग चौधरी का व्यंग्य
हनुमान किसके हैं
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संस्कृति में
दक्षिण-पूर्व
एशिया के देशों में बसी रामकथा
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धारावाहिक में प्रभा
खेतान के उपन्यास
आओ पेपे घर चलें का
चौथा भाग
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साहित्य समाचार में
हैदराबाद, दिल्ली,
विशाखापत्तनम, कोटा और टोरांटो
से नए समाचार
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पिछले सप्ताह
जवाहर चौधरी का व्यंग्य
कामरेड की लंगोट
1
कालीशंकर से विज्ञान
वार्ता में
पंद्रह
साल की थकान के बाद सो गया!
*
धारावाहिक में प्रभा
खेतान के उपन्यास
आओ पेपे घर चलें का
तीसरा भाग
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संस्कृति में रोहित कुमार बोथरा का आलेख
सा से सारंगी
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कथा महोत्सव में पुरस्कृत-
भारत से
जयनंदन की कहानी
सिले हुए ओंठ
वेसेल में १६०० डिग्री
सेंटीग्रेड तापक्रम पर पिघला हुआ (मोल्टेन) इस्पात था, जिसे
प्लैटफॉर्म के नीचे स्टील ट्रांस्फर कार पर रखे लैडेल (बाल्टी)
में टैपिंग (ढालना) किया जा रहा था। ठीक इसी वक्त ओवरहेड क्रेन
के ऊपर से कोई वर्कर ज्वालामुखी से भी तप्त लैडेल में धम्म से
गिर पड़ा। कौन था वह अभागा? पूरे शॉप में अफरा-तफरी मच गयी।
विभाग के काफी लोग जुट आए....लेकिन कोई कुछ नहीं कर सकता था,
चूँकि सभी जानते थे कि वह आदमी गिरते ही ठोस से द्रव में
बदलना शुरू हो गया होगा। उस बाल्टी से छिटककर एक बूँद भी अगर
जिस्म पर पड़ जाए तो गोली लगने से भी बुरा घाव बन जाता है।
यहाँ तो भरे लैडेल में ही वह बदनसीब गिर पड़ा। डिविजनल
मैनेजर (विभाग प्रमुख) सहित इस स्टील मेकिंग विभाग एल डी-१
शॉप के सारे अधिकारी इकट्ठे हो गए। उनमें खड़े-खड़े तुरंत
मंत्रणा हुई और एक निश्चय के तहत सभी वर्करों से कहा गया कि
वे इसी वक्त कॉन्फ्रेंस रूम में उपस्थित हों, वहाँ हाजिरी ली
जाएगी। |
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अनुभूति
में- विनोद निगम, पं नरेन्द्र शर्मा, विवेक रंजन श्रीवास्तव
'विनम्र', डॉ. सरोज कुमार वर्मा और श्यामल सुमन की नई
रचनाएँ |
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कलम गही नहिं
हाथ-
लगता है ऊपरवाला इस रेगिस्तान में हरे जंगल उगाकर ही
दम लेगा। वसंत-ऋतु बीती ही है कि
फिर से बारिश शुरू...
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रसोई
सुझाव-
स्वादिष्ट शोरबा बनाने के लिए प्याज, लहसुन, अदरक, पोस्ता और
दो-चार दाने भुने हुए बादाम महीन पीसें और मसाले के साथ भूनें। |
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पुनर्पाठ
में -
१६ जनवरी २००१ के अंक में गौरवगाथा के अंतर्गत प्रकाशित मोहन राकेश की कहानी
आर्द्रा |
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क्या आप जानते हैं?
अलकनंदा की पाँच सहायक नदियाँ गढ़वाल क्षेत्र में ५ अलग-अलग
स्थानों पर अलकनंदा से मिलकर पंच प्रयाग बनाती हैं। |
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शुक्रवार चौपाल-
२७ मार्च, विश्व रंगमंच दिवस को विशेष ढंग से मनाने हम जुड़े इस
शुक्रवार, भारत से दो विशेष अतिथि कवियों के साथ...
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सप्ताह का विचार- मासिक वेतन पूरनमासी का चाँद है जो एक दिन
दिखाई देता है और घटते घटते लुप्त हो जाता है। - प्रेमचंद |
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हास
परिहास |
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1
सप्ताह का
कार्टून
कीर्तीश की कूची से |
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