परिक्रमा में
दिल्ली दरबार में भारत की विभिन्न घटनाओं के साथ बृजेशकुमार
शुक्ला की रपट
सीमा पर सेनाएँ
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रसोईघर में
मिठाइयों में प्रस्तुत है
बदाम
बर्फ़ी
की व्यंजन विधि और नमकीन में
आलू की
टिक्की
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प्रेरक प्रसंग में
राजकुमार पासवान की
बुद्धिमान कौन
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साहित्य संगम में
इंदुलता महान्ति की उड़िया कहानी
का हिन्दी रूपांतर
सुरभित संपर्क
लोकल ट्रेन में उस समय
सुचरिता ने नया–नया ही जाना शुरू किया था। महानगर में उसको रहते और नौकरी
करते कुछ महीने हो गये थे, फिर भी सुचरिता अपने चतुर्दिक परिवेश से अछूती
थी। घर एवं ऑफिस के निरापद और भद्र परिवेश के अंदर रहकर दुनिया के
प्रतियोगितापूर्ण धक्कों के बारे में वह अनभिज्ञ थी। इतनी भीड़, प्रत्येक
स्टेशन पर गाड़ी एक निर्दिष्ट समय के लिए रूकेगी, यह सभी जानते, पर एक साथ
चढ़ने की होड़ लग जाती।
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कहानियों में
भारत से मिथिलेश्वर की
कहानी
बारिश की रात
हालाँकि यह स्थिति सिर्फ सचदेव बाबू की ही नहीं थी। पूरे शहर पर खौफ का यह
कहर था। आये दिन चोरी, लूट, हत्या, बलात्कार, राहजनी और अपहरण की घटनाओं ने
लोगों को बेतरह भयभीत और असुरक्षित बना दिया था। कभी रातों में गुलजार
रहनेवाला उनका यह शहर अब शाम गहराते ही शमशानी सन्नाटे में तब्दील होने लगा
था। अब रातों में सड़कों और गलियों में नजर आनेवाले लोग शहर के सामान्य और
संभ्रांत नागरिक नहीं, संदिग्ध लोग होते थे।
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हास्य व्यंग्य में
प्रेम जनमेजय का आलेख
अध्यक्षस्य प्रथम दिवसे
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उपहार में
नया जावा आलेख कविता के साथ
जन्मदिन आए
बारंबार
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दो पल में
कुदरत की करामात के अंतर्गत अश्विन गांधी के कैमरे का जादू
झरना–१
झरना–२
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साहित्यिक निबंध में
शैलेनद्र चौहान का आलेख
साहित्य में वैज्ञानिक व सामाजिक
चेतना
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अनुभूति में |
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रजनीश,
कात्यायनी और सरोजिनी प्रीतम की नई कविताएं
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पिछले
अंक से-
गौरवगाथा में
गजानान माधव मुक्तिबोध की कहानी
ब्रह्मराक्षस का शिष्य
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रत्न रहस्य में
रत्न चिकित्सा
से
संबंधित लेखों में
ट्यूमर
के बारे में
डा वी के जैन के सुझाव
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कला दीर्घा में
कला और कलाकार के अंतर्गत
बी प्रभा
अपनी दो सुंदर कलाकृतियों के साथ
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वास्तु विवेक में
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भू खण्डों का चुनाव
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फुलवारी में
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गोटू और मोटू
और पूर्णिमा वर्मन की कविता
मसखरे
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