इस अंक में-
सामयिकी के अंतर्गत-
निर्मल
वर्मा को ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा के अवसर पर उनकी
संस्मरणात्मक पुस्तक "धुंध से उठती धुन" से एक अंश- 'हवा
में वसंत'।
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प्रकृति और
पर्यावरण में
वसंत के मौसम में खिलता है टेसू या पलाश। इस के पेड़ के बारे में रोचक
जानकारी से परिपूर्ण लेख पढ़ें
पलाश वन फूले
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साहित्यिक निबंध में
उमाकांत मालवीय की रम्य रचना
यह
पगध्वनि
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उपहार में
प्रेम दिवस के अवसर पर एक और
जावा आलेख हिन्दी कविता के साथ
प्रेम अमर हो
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साहित्य संगम में
लक्ष्मीनंदन बोरा की असमिया कहानी 'नौकरी
की आवश्यकता' का
हिन्दी रूपांतर: राजीव कुमार द्वारा
एक साथ तीन गोलियों की आवाज़। कितनी विपदा है।
मैं जब एक घर में अतिथि बनकर बैठा था उसी दौरान क्या कहीं संघर्ष होने के
कारण शहर में कर्फ्यू लगाया गया है! मुझे भी क्या कानून तोड़ने वाला समझ
गोली मारेंगे ! मैने सड़क के किनारे बल्ब की कम रोशनी से देखा कि एक
व्यक्ति मेरी तरफ दौड़ कर आ रहा है। उसके पीछे पीछे बंदूकधारी पुलिस है। वह
मेरे सामने आकर उल्टे गिर गया। उसका शरीर खून से लथपथ था।
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पद्य में
हिन्दी कविताओं की सम्पूर्ण अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका वसंत रंग रांची
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हास्य व्यंग्य में
अंशुमान अवस्थी की कलम से
'बेताल
कथा'
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पिछले
अंक से-
रसोईघर में-
अंजीर अनुपमा चीज,
संदेश और बादाम के साथ अंजीर का विशेष व्यंजन
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स्वाद और स्वस्थ्य में
अनोखे अंजीर
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फुलवारी में
इला प्रवीन की कहानी
जादू की छड़ी और
पूर्णिमा वर्मन की कविता
भूरा भालू
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अश्विन गांधी की कलम से तीखे और
मनोरंजक दो पल
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प्रेरणाप्रद प्रसंगों का ख़ज़ाना
प्रेरक
प्रसंग
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पर्व परिचय में
फरवरी माह के पर्व
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घर परिवार में
माटी कहे पुकार के
के अंतर्गत मिट्टी के टेराकोटा पात्रों का सुंदर
संयोजन
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