फरवरी
माह के पर्व
फरवरी का महीना भारत में
कड़कती सर्दी के बाद अच्छे मौसम के प्रारंभ करता है और इसके
साथ ही प्रारंभ होते है हर्ष और उल्लास के पर्व। न केवल
सामाजिक बल्कि भारत सरकार की ओर से भी इस महीने में अनेक
पर्वो का आयोजन किया जाता है।
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी इस महीने का प्रमुख पर्व है। उत्तर भारत
और पश्चिमी बंगाल में यह धूमधाम से मनाया जाता है जब बसंती
रंग के कपड़े पहने हुए लोग नाचते गाते हुए वसंत का औपचारिक
रूप से स्वागत करते हैं।
बंगाल मे
इसे सरस्वती पूजा के नाम से जानते हैं और विद्या की देवी
सरस्वती की पूजा धूमधाम से की जाती है। शांतिनिकेतन
विश्वविद्यालय में इसकी रौनक देखते ही बनती है।
सूरजकुंड शिल्प मेला
दिल्ली के समीप सूरजकुंड में हस्त शिल्प और हथकरघे का
एक सुरुचिपूर्ण वार्षिक मेला आयोजित किया जाता है। यहाँ
भारतीय शिल्पकारों के सधे हुए हस्तकौशल को पारंपरिक मेले के
रूप में देखा जा सकता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम और ग्रामीण
भोजन इस मेले की अन्य विशेषताएँ हैं।
अंतर्राष्ट्रीय योग सप्ताह
एक सप्ताह लम्बा यह आयोजन उत्तर प्रदेश में हिमालय की
तलहटी में बसे छोटे से किंतु नयनाभिराम नगर ऋषिकेश में होता
है। भारत के प्रमुख योग निर्देशक इस आयोजन में योगासनों पर
विस्तृत व्याख्यान देते हैं और उनका प्रदर्शन करते हैं।
मरूस्थल मेला
राजस्थान के स्वर्णनगर जैसलमेर में तीन दिनों तक रंग
तरंग, संगीत और उत्सव की धूम मचा देने वाले इस मेले के
प्रमुख आकर्षण हैं पारंपरिक धुनों पर थिरकते गैर और अग्नि
नृत्य पर थिरकते चपल नर्तक। पगड़ी प्रतियोगिता और मिस्टर
डेज़र्ट का चुनाव इस मेले के अन्य आकर्षण हैं।
नागौर
मेला
फरवरी माह में राजस्थान का छोटा-सा नगर नागौर उस समय
सजीव हो उठता है जब यहाँ भारत के सबसे बड़े पशुमेले का आयोजन
किया जाता है। मनोरंजक खेल और ऊँटों की दौड़ इस मेले के
प्रमुख आकर्षण होते हैं।
एलिफेंटा उत्सव
मुम्बई हार्बर के पार विश्व प्रसिद्ध ऐलिफेंटा गुफाओं
के पास इस उत्सव को फरवरी माह में आयोजित किया जाता है।जब
खुले आकाश में सितारों के नीचे नृत्य संगीत का कार्यक्रम
होता है तो यह संपूर्ण द्वीप एक स्वर्गिक प्रेक्षाग्रह के
रूप में परिवर्तित हो जाता है।
दक्कन उत्सव
हर वर्ष दक्कन उत्सव के समय शबे गज़ल, कव्वालियों और
मुशायरों जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हैदराबाद का
रमणीय शहर जीवंत हो उठता है। बहुरंगी आभा वाली काँच की
चूड़ियां हैदराबाद की विशेषता हैं और यहाँ के मोती विश्व भर
में प्रसिद्ध हैं इस कारण इस अवसर पर आयोजित मोतियों और
चूड़ियों का मेला इस उत्सव की जान है। पर्यटकों को हैदराबादी
भोजन भी कम आकर्षित नहीं करता।
ताज
महोत्सव
आगरा के शिल्पग्राम स्थल पर १८ फरवरी से दस दिन के
लिए शुरू होने वाले ताज महोत्सव का लोग साल भर इंतज़ार करते
हैं। भारत के सर्वश्रेष्ठ कला शिल्प और सांस्कृतिक परंपराओं
का यहाँ प्रदर्शन होता है। लोकगीत शायरी और शास्त्रीय नृत्य
के साथ-साथ ऊँट और हाथी की सवारी तथा खेल और भोजन मेलों का
भी आयोजन किया जाता है।
गोआ कार्निवाल
गोआ की सौ किलोमीटर लम्बी तट रेखा विश्व के सुन्दरतम
तटों में से है। गोआ उत्सव फरवरी के मध्य मनाया जाने वाला
हर्षोल्लास का पर्व है। हफ्ते भर चलने वाला यह पर्व आकर्षक
जलूसों, झाँकियों, गिटार की झंकारों और लुभावने नृत्यों से
मदमस्त रहता है।
उपवन उत्सव
दिल्ली का उपवन उत्सव बागवानी में रुचि रखने वालों के
लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
इस
बहुआयामी पुष्प प्रदर्शनी में फूलों और पौधों की असंख्य
जातियों - प्रजातियों के दर्शन किये जा सकते हैं।
गुलाब उत्सव
चंडीगढ़ के रोज़ गार्डेन में भारत की सबसे बड़ी गुलाब
प्रदर्शनी का आयोजन गुलाब उत्सव के नाम से किया जाता है। दो
दिन वाले इस आयोजन में गुलब की असंख्य आकर्षक जातियों के
साथ-साथ अनेक दुर्लभ प्रजातियों के भी यहाँ दर्शन किए जा
सकते हैं।
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