अंजीर कैलशियम, रेशों व विटामिन ए,
बी, सी से युक्त होता है और एक अंजीर
में लगभग ३० कैलरी होती हैं।
इसमें ८३ प्रतिशत चीनी होने के कारण यह विश्व का सबसे मीठा
फल है।
नाशपाती के आकार के
इस छोटे से फल की अपनी कोई विशेष तेज़ सुगंध नहीं
पर यह रसीला और गूदेदार होता है। रंग में यह हल्का
पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है।
छिलके के रंग का स्वाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता
पर इसका स्वाद इस बात पर निर्भर करता है कि इसे
कहाँ उगाया गया है और यह
कितना पका है। इसे पूरा का पूरा छिलका बीज और गूदे
सहित खाया जा सकता है।
घरेलू उपचार में ऐसा
माना जाता है कि स्थाई रुप से रहने वाली कब्ज़
अंजीर खाने से दूर हो जाती है। जुकाम, फेफड़े के
रोगों में पाँच अंजीर पानी में उबाल कर छानकर यह
पानी सुबह-शाम पीना चाहिए। दमा जिसमे कफ (बलगम)
निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है इससे कफ
बाहर आ जाता है।
हर फल की तरह
ताज़े अंजीर भी ज़्यादा दिन नहीं चलते। ख़रीदते
समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए
इसमें दाग न हों और यह दबाने से पिचके नहीं। सूँघने
में अगर खट्टा लगे तो यह ज़्यादा पका है और स्वाद
में भी खट्टा होगा। कच्चे अंजीरों को कमरे के
तापमान पर रख कर पकाया जा सकता है लेकिन उसमें
स्वाभाविक स्वाद नहीं आता। फ्रिज में इसे तीन दिन
तक सलाद या सब्ज़ी के लिए
विशेष रूप से बने खानों
में रखा जा सकता है। खाने के पहले इसे सामान्य
तापमान पर ले आना चाहिए।
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