अभिव्यक्ति
में
संजीव सलिल की रचनाएँ
लघुकथा में-
प्रेरक
प्रसंग में-
रचना प्रसंग में-
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आचार्य संजीव
वर्मा 'सलिल'
आचार्य संजीव
वर्मा 'सलिल' नें नागरिक अभियंत्रण में त्रिवर्षीय डिप्लोमा,
बी.ई., एम.आई.ई., अर्थशास्त्र तथा दर्शनशास्त्र में एम.ए.,
एल.एल.बी., विशारद, पत्रकारिता में डिप्लोमा व कंप्यूटर
ऍप्लिकेशन में डिप्लोमा किया है।
आपकी प्रथम प्रकाशित कृति 'कलम के देव' भक्ति गीत संग्रह है।
'लोकतंत्र का मकबरा' तथा 'मीत मेरे' आपकी छंद मुक्त कविताओं के
संग्रह हैं। आपकी चौथी प्रकाशित कृति है 'भूकंप के साथ जीना
सीखें'। आपनें निर्माण के नूपुर, नींव के पत्थर, राम नाम
सुखदाई, तिनका-तिनका नीड़, सौरभ, यदा-कदा, द्वार खड़े इतिहास
के, काव्य मन्दाकिनी २००८ आदि पुस्तकों के साथ साथ अनेक
पत्रिकाओं व स्मारिकाओं का भी संपादन किया है।
आपको देश-विदेश में १२ राज्यों की ५० सस्थाओं द्वारा ७० से
अधिक सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। संप्रति आप म.प्र.
सड़क विकास निगम में उप महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं।
उनका एक चिट्ठा
गीत सलिला नाम से है।
संपर्क-
salil.sanjiv@gmail.com |