अभिव्यक्ति में
दिविक रमेश की रचनाएँ
साहित्यिक निबंध
फुलवारी में
कविताएँ
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दिविक
रमेश
वास्तविक नाम : रमेश
शर्मा
जन्म : १९४६ गाँव किराड़ी, दिल्ली
शिक्षा : एम ए हिन्दी, पी एच डी, दिल्ली
विश्वविद्यालय
संप्रति : प्राचार्य, मोती लाल नेहरू कॉलेज, दिल्ली
विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
२० वीं शताब्दी के आठवें
दशक में अपने पहले ही कविता संग्रह 'रास्ते के बीच' से
चर्चित हो जाने वाले आज के सुपरिचित हिंदी कवि दिविक रमेश
बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। ३८ वर्ष की ही आयु में 'रास्ते
के बीच' और 'खुली आँखों में आकाश' जैसी अपनी मौलिक कृतियों
पर 'सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड' जैसा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार
पाने वाले ये पहले कवि हैं। डॉ. दिविक रमेश का जीवन निरंतर
संघर्षमय रहा है। ११ वीं कक्षा के बाद से ही आजीविका के लिए
काम करते हुए शिक्षा पूरी की। १७-१८ वर्षों तक दूरदर्शन के
विविध कार्यक्रमों का संचालन किया। १९९४ से १९९७ में भारत की
ओर से दक्षिण कोरिया में अतिथि आचार्य के रूप में भेजे गए,
जहाँ इन्होंने साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कीर्तिमान
स्थापित किए।
प्रमुख कृतियाँ-
काव्य संग्रह - रास्ते के बीच, खुली आँखों में आकाश,
हल्दी-चावल और अन्य कविताएँ, छोटा-सा हस्तक्षेप।
काव्य नाटक - खंड-खंड अग्नि
अंग्रेज़ी में अनूदित कविताएँ - फेदर
कोरियाई भाषा में अनूदित कविताएँ - से दल अई ग्योल
होन
मराठी में अनूदित कविताएँ - अष्टावक
आलोचना व शोध :
नए कवियों के काव्य-शिल्प सिद्धांत,
कविता के बीच से, साक्षात त्रिलोचन। कहानियाँ और लेख-निषेध
के बाद : कविताएँ, हिंदी कहानी का समकालीन परिवेश, कहानियाँ
और लेखक, कथा पड़ाव।
बाल-साहित्य -
कविताएँ जोकर मुझे बना दो जी, हँसे
जानवर हो हो हो, कबूतरों की रेल, छतरी से गप-शप, अगर खेलता
हाथी होली, तस्वीर और मुन्ना, मधुर गीत भाग ३-४, कोरियाई बाल
कविताएँ, कोरियाई लोक कथाएँ।
कहानियाँ - धूर्त साधु और किसान, सबसे बड़ा दानी।
लेखकों से साक्षात आत्मीय संस्मरण - फूल भी और फल भी।
लोक कथाएँ - और पेड़ गूँगे हो गए, सच्चा दोस्त।
शीघ्र प्रकाश्य - बल्लू का हाथी का- बाल नाटक।
खंड-खंड अग्नि का मराठी, गुजराती और अंग्रेज़ी अनुवाद।
संपर्क :
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