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						हाथी बोला 
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						— दिविक रमेश
						१ जून २००३
 
 |  | सूँड उठा कर हाथी बोलाबोला क्या तन उसका डोला
 बोला तो मन मेरा बोला
 देखो देखो अरे हिंडोला
 
 'आओ बच्चो मिलजुल आओ
 आओ बैठो तुम्हें डुलाऊँ
 मस्त मस्त चल, मस्त मस्त चल
 झूम झूम कर तुम्हें घुमाऊँ
 
 घूम घूम कर, झूम झूम कर
 ले जाऊँगा नदी किनारे
 सूँड भरूँगा पानी से मैं
 छोडूँगा तुम पर फव्वारे।'
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