बारह पौधे जो साल-भर फूलते हैं
(संकलित)
८- कनेर
कनेर का पौधा लगभग छह सात फुट ऊँचा हो सकता है। लेकिन इसकी
ऊँचाई इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप इसे कैसा आकार
देना चाहते हैं। मूल रूप में यह एक झाड़ी है जिसे
आवश्यकतानुसार छायादार पेड़, स्क्रीन या हेज का आकार दिया
जा सकता है। इसके पीले, लाल या गुलाबी फूल बहुत ही आकर्षक
होते हैं। इसलिये सजावटी पौधे के रूप में भी इसे उगाते
हैं। यह पौधा काफी कम देखभाल के साथ भी आसानी से बढ़ जाता
है। जिन क्षेत्रों में पौधे को पशुओं से बचाना कठिन हो,
वहाँ भी इस पौधे को सफलता से उगाया जा सकता है क्योंकि
गाय, भैंस या बकरी इन्हें नहीं खाते। इनको बाजार से खरीदा
जा सकता है। इसके अतिरिक्त इसे बीज और कटिंग से भी उगाया
जा सकता है।
कनेर का पौधा मई से अक्टूबर तक गुच्छेदार फूलों से भरा
रहता है। इसके लिये उसे छह से
आठ घंटे की सीधी धूप की आवश्यकता होती है। वे दक्षिण या
पश्चिम की दीवार से आने वाली गर्मी को भी सहन कर सकते हैं।
आंशिक छाया को भी वे सह लेंगे, लेकिन ऐसी स्थिति मे तना
पतला, और शाखाएँ कम घनी हो जाएँगी। नवंबर से अप्रैल तक
इसमें कुछ कम फूल आते हैं। अधिक सर्दी में फूल बहुत कम हो
जाते हैं। इन दों अगर बरसात हो जाए तो पानी भराव की स्थिति
में उनके गिर जाने या सड़ जाने का डर रहता है। इस समय उनके
सहारे के लिये कोई डंडा या पाइप लगा दें और आसपास भरा हुई
पानी निकाल दें। सर्दियों में इसकी जड़ों के आसपास सूखे
पत्तों की खाद देनी चाहिये और कटिंग नहीं करनी चाहिये।
गहरी कटिंग और प्रूनिंग ये वसंत में सह सकते हैं।
कनेर के दूध में एक जहरीला पदार्थ होता है जिसे थोड़ी भी
मात्रा में छू जाने पर जलन होती है। इसका बीज विषैला होता
है अतः इसे बच्चों और पशुओं से दूर रखना चाहिये। |