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। कविताएं । साहित्य
संगम ।
दो पल ।
कला दीर्घा
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उपहार
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गौरव
गाथा में शिवदोल, रूद्रदोल, जयदोल सागरतट के मन्दिर को दोल कहना कैसी सुन्दर कवि कल्पना है। सचमुच जब ताल के जल में, मन्दमन्द हवा से सिहरती चाँदनी में, मन्दिर की कुहासेसी परछाई डोलती होगी, तब मन्दिर सचमुच सुन्दर हिंडोलेसा दीखता होगा . . . . इसी उत्साह को लिए वह बढ़ता जा रहा था तीसपैंतीस मील का क्या है घण्टेभर की बात है वास्तु
विवेक में वास्तुशास्त्र
मुख्य रूप से दो प्रमुख ऊर्जाओं पर आधारित है एक सूर्य ऊर्जा और
दूसरी चुम्बकीय ऊर्जा। सूर्य ऊर्जा हम को उगते हुए सूर्य से प्राप्त
होती है जिसकी दिशा पूर्व है। चुम्बकीय ऊर्जा हमको उत्तर दिशा से
प्राप्त होती है। |
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में लंदन से शैल अग्रवाल हन्दि° न्दि
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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना
परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी
सहयोग : प्रबुद्ध कालिया
साहित्य संयोजक : बृजेश कुमार
शुक्ला