बारह पौधे जो साल-भर फूलते हैं
(संकलित)
३- देसी सदाबहार
सदाबहार, विंका या पेरीविंकल बारहों मास फूल देने वाला
पौधा। देसी सदाबहार में गुलाबी और सफेद फूल आते हैं। इसे
लगाना बहुत आसान है और ये कम देखरख में भी आसानी से चल
जाते हैं। पौधा लगाने के लिये ६ से ८ इंच व्यास का गमला
लें। इसमें दो मुट्ठी गोबर की खाद एक अंजुली रेत, एक भाग
कंपोस्ट और तीन भाग साधारण मिट्टी लेकर खरीदा हुआ पौधा
इसमें लगा दें। सदाबहार के पौधे को अधिक पानी की जरूरत
नहीं होती है। इसलिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का होना
आवश्यक है। नये रोपे गए पौधे को एक-दो दिन छाया में रखें
ताकि इसकी जड़ें मजबूत हो जाएँ। जब सदाबहार का पौधा स्वस्थ
दिखाई दे तो इसको ऐसी जगह रखें जहाँ ५-६ घंटे की धूप अवश्य
आती हो। पौधे को ४ से ५ इंच का हो जाने पर इसको फुनगियों
से पिंच कर दें। जहाँ से हमने pinch किया है वहाँ से इसकी
और शाखाएँ निकल आएँगी और दाबहार का पौधा घना होता चला
जाएगा।
जब सदाबहार का पौधा एक बार चल जाता है तो इससे कई नये पौधे
तैयार किये जा सकते हैं। इसके लिये पौधे के ऊपर से ३-४ इंच
की कटिंग लें। कटिंग में नीचे की पत्तियों को हटाकर उसको
नये गमले में लगा दें। कटिंग बसंत के शुरुआत में लेनी है।
ताकि गर्मी शुरू होने से पहले यह कटिंग अपनी जड़ पकड़ ले।
सदाबहार के पौधे पर फूलने के बाद छोटी-छोटी सी फलियाँ आती
हैं। ये फलियाँ सदाबहार के बीज होते हैं। फलियाँ जब पक
जाएँ तो बीज निकाल कर कोकोपीट में ये बीज लगा दे। बीज बोने
के १० से १५ दिन में ये बीज अंकुरित हो जाएँगे और
छोटे-छोटे पौधों का रूप ले लेंगे। |