अभिव्यक्ति
में रूप सिंह चन्देल
की रचनाएँ

उपन्यास अंश में
सुन्दरम
अनातोली
फ्योदोरोविच कोनी का अनूदित संस्मरण
मेरे मित्र
लियो तोल्स्तोय
कहानी
हादसा
आज
सिरहाने
बहता
पानी

|
|
रूपसिंह
चन्देल
१२ मार्च, १९५१ को कानपुर के
गाँव नौगवां (गौतम) में जन्मे वरिष्ठ कथाकार रूपसिंह चन्देल
कानपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी), पी-एच.डी. हैं।
अब तक उनकी ३८ पुस्तकें
प्रकाशित हो चुकी हैं। ६ उपन्यास जिसमें से 'रमला
बहू', 'पाथरटीला', 'नटसार' और 'शहर गवाह है' - अधिक चर्चित
रहे हैं, १० कहानी संग्रह, ३ किशोर उपन्यास, १० बाल कहानी
संग्रह, २ लघु-कहानी संग्रह, यात्रा संस्मरण, आलोचना, अपराध
विज्ञान, २ संपादित पुस्तकें सम्मिलित हैं। इनके अतिरिक्त
बहुचर्चित पुस्तक 'दॉस्तोएव्स्की के प्रेम' (जीवनी)
संवाद प्रकाशन, मेरठ से प्रकाशित से प्रकाशित हुई है।
उन्होंने रूसी लेखक लियो तोल्स्तोय के अंतिम उपन्यास 'हाजी
मुराद' का हिन्दी में पहली बार अनुवाद किया है जो २००८ में
'संवाद प्रकाशन' मेरठ से प्रकाशित हुआ है।
सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन
दो चिट्ठे-
रचना समय
और
वातायन
संप्रति:
roopchandel@gmail.com
roopschandel@gmail.com |