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घर-परिवार जीवन शैली - फेंगशुई


फेंगशुई के २४ नियम जो घर में सुख समृद्धि ला सकते हैं
(संकलित)


८- फेंगशुई और रंग

फेंगशुई में रंग प्रकृति के पाँच तत्वों (अग्नि, धातु, काष्ठ, पृथ्वी और जल) का प्रतिनिधित्व करते हैं। चित्र के अनुसार इन्हें आसानी से समझा जा सकता है।

लाल रंग साहस और लगन का होता है। यह वातावरण में अपरिमित ऊर्जा, आनंद, विकास और दाम्पत्य सुख को बढ़ा सकता है। लेकिन इसका प्रयोग समझबूझ कर ही करना चाहिये अन्यथा यह क्रोध और थकान को बढ़ा सकता है।

पीला रंग धूप का प्रतीक है और यह अग्नि तथा पृथ्वी से जुड़ा हुआ है। यह वातावरण में उत्साह भरने वाला रंग है साथ ही आशा और सौजन्य को बढ़ाता है।

नीले रंग की हल्की छवियाँ शांति, तंद्रा और तन्मयता को बढ़ाती हैं। यह जल तत्व से जुड़ा है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने वाला है। इसका गहरा रंग इन्हीं गुणों को बढ़ा देता है।

हरा रंग वृद्धि और विकास का प्रतीक है जो स्वास्थ के लिये शुभ हैं। वन तत्व का प्रतिनिधित्व करने वाला यह रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। विशेष रूप से पीले के साथ मिलकर यह सुख और शांति के लिये सार्थक सिद्ध होता है।

आशावादिता के प्रतीक नारंगी रंग का संबंध अग्नि और पृथ्वी से है। यह सामाजिक रंग कहलाता है। पारस्परिक संवाद और ज्ञान के विकास लिये यह सबसे अच्छा रंग है। उत्साह का प्रतीक यह रंग फेंगशुई के अनुसार बैठक और सार्वजनिक स्थलों के लिये उपयुक्त माना गया है।

काला रंग रात का प्रतीक है। यह रंग बहुत गहरा है और जो लोग बहुत संवेदनशील हैं वे इस रंग से नकारात्मक तरंगे ग्रहण कर सकते हैं। विशेष रूप से तब जब इसे दीवारों पर लगाया गया हो। इसलिये इसके प्रयोग में बहुत सावधानी बरतनी चाहिये।

सफेद रंग सफेद रंग निर्मलता और ताजगी का प्रतीक है और इसका संबंध धातु तत्व से है। यह रंग शांति और नवनिर्माण की भावना को विकसित करता है। कम प्रकाश वाली सँकरी जगहों के लिये यह रंग बहुत उपयुक्त है।

(अगले अंक में एक और सुझाव)  पृष्ठ- . . . . . . ७. .................................................१५ अप्रैल २०१६

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