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१. ३. २०२३

   

साहित्य-और-संस्कृति-में           

समकालीन कहानियों में
इस माह प्रस्तुत है- भारत
से शुभदा मिश्र की कहानी
आ ही गयो री फागुन त्यौहार

चारों ओर ढोल ढमाके...नगाड़ों की ध्वनियाँ सुनाई देने लगी थीं। बाजार तरह तरह के रंगों, गुलालों, पिचकारियों, टोपियों, मुखौटों से सजने लगे थे। दुकानो के सामने टँगी आकर्षक पोशाकें लोगों को लुभा रही थीं। घर घर बन रहे परंपरागत व्यंजनों की खुशबू बच्चे बूढ़े, जवान सबको मस्त कर रही थी। फिजा में रह रह कर उभरती सरगोशियाँ, खिल खिल करती दबी.दबी हँसी, चमकती आँखे और शरारत भरी मुस्कुराहटें बता रही थीं कि ननद-भाभी, देवर-भौजाई, सखि-सहेलियाँ, यार-दोस्त इस बार जमकर छकाने वाले हैं एक दूसरे को। सारी फिजा में मानो शरारतों भरी हवाएँ मचल रही थीं। दिलों में शोख अरमानों के वलवले उठाता मस्ती भरा फागुन त्योहार चला आ रहा था...
मगर वह मन ही मन आशंकाओं में डूब उतरा रही थी...कहीं इस बार की होली भी इस घर की मनहूसियत के आगे मात न खा जाए। कंकड़बाग चलोगे क्या जी?...उसने डरते डरते पति से पूछा। कंकड़बाग यानी उसकी ससुराल। उसके पति का घर। मात्र वही जगह है, जहाँ जाकर उसके पति के कठुआए, पथराए, जिस्म में जीवन संचार होता था। ... आगे-

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दीपक गोस्वामी का व्यंग्य-
होली कब है कब है होली
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कला दीर्घा में प्रसिद्ध चित्रकारों की
होली कलाकृतियों का सुंदर संग्रह
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सुरेश पांडा का ललित निबंध
अट्टालिकाएँ और वसंत 
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पुनर्पाठ के अंतर्गत अनुराग शुक्ला और योगेन्द्र ठाकुर का आलेख- बस्तर और छत्तीसगढ़ की होली
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अनुभूति-में- होली विशेषांक में गीत, गजल और दोहा विधाओं में अनेक रचनाकारों की रंग से सराबोर ढेर-सी रचनाएँ।

स्थायी स्तंभों में-

कलम गही नहिं हाथ- हवाई कम्पनियाँ अपने ग्राहकों के लिए उनकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाने के प्रयत्न करती रहती हैं। इस बार चखें - एमिरेट्स की उड़ान में गुझिया

रसोईघर में- हमारी रसोई संपादक शुचि अग्रवाल प्रस्तुत कर रही हैं- होली के अवसर पर विशेष-  मिठाई और नमकीन के ढेरों व्यंजन विधियाँ।

बागबानी में- नन्हीं पत्तियाँ प्यारे पौधे जो घर का रूप सँवारें और पर्यावरण निखारें- इस शृंखला में प्रस्तुत है- बिगोनिया रेक्स

स्वस्थ भोजन स्वस्थ शरीर में- दीर्घायु प्रदान करने वाले १२ पौष्टिक-तत्व जिन्हें प्रतिदिन खाना चाहिये। इस शृंखला में प्रस्तुत है- घी, तेल और मक्खन।

डाक टिकटों पर पौराणिक पात्र- देश विदेश के वे टिकट जिन पर देवी-देवताओं के चित्र प्रकाशित किये गए हैं इस अंक में प्रस्तुत है- गयाना के डाक टिकटों पर होली

बतरस से लिखवट तक - रतन मूलचंदानी के फोटो निबंधों की शृंखला में इस माह- पेड़ पर वसंत

गौरवशाली भारतीय- क्या आप जानते हैं कि मार्च महीने में कितने गौरवशाली भारतीय नागरिकों ने जन्म लिया? ...विस्तार से 

नवगीत संग्रहों और संकलनों से परिचय की शृंखला में- विनोद निगम के नवगीत संग्रह- जो कुछ हूँ बस गीत गीत हूँ का परिचय डॉ. रंजना गुप्ता की कलम से।

वर्ग पहेली-३५९
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और
रश्मि आशीष के सहयोग से

हास परिहास
में पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

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