जलवायु
किसी जगह की जलवायु कुछ
बातों पर निर्भर करती है- जैसे वह जगह समुद्र से कितनी दूर है
और उसके आसपास पहाड़ हैं या जंगल या रेगिस्तान।
अलग–अलग
स्थानों
की विशेष जलवायु को अलग–अलग नाम भी दिए गए हैं। जैसे
टुंड्रा या ध्रुवीय जलवायु जो उत्तरी ध्रुव पर आर्कटिक
महासागर के आसपास होती है। यहाँ साल
के अधिकतर समय बर्फ जमी रहती है केवल गर्मियों के दिनों
में ही हल्की हरियाली देखने को मिलती है पर गर्मियाँ
भी काफी शीतल होती हैं।
सर्द या पर्वतीय
जलवायु ध्रुवीय जलवायू से गर्म होती है पर यहाँ
कम से कम छह महीने कड़ी सर्दी पड़ती है। पर्वतों पर
बर्फ जमी रहती है और नुकीले आकार के वृक्षों, जैसे देवदार
व चीड़, के वन पाए जाते हैं। गर्मी के मौसम में बारिश होती
है और कोहरे व बर्फ के कारण काफी नमी बनी रहती है।
शीतोष्ण जलवायु
वह होती है जहाँ गर्मी, सर्दी या वर्षा ज़्यादा नहीं होती।
यूरोप का पश्चिमी तट इस जलवायु का सबसे अच्छा उदाहरण है।
यहाँ साल भर हल्की वर्षा होती रहती है और चार मौसम होते
हैं— गर्मी, सर्दी, पतझड़ तथा वसंत। उत्तरी अमेरिका, जापान,
आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के कुछ हिस्सों में भी यह मौसम
पाया जाता है।
भूमध्य
सागरीय जलवायु विशेष प्रकार की जलवायु है जिसमें गर्मियाँ
सूखी और गर्म होती हैं तथा सदिर्यो में वर्षा होती है। जहाँ वर्षा अधिक
होती है वहाँ घने वन पाए जाते हैं। भूमध्यसागर के
निकटवर्ती स्थानों के अतिरिक्त यह जलवायु दक्षिण अफ्रीका,
चिली, मध्यपूर्व और आस्ट्रेलिया के तटवर्ती हिस्सों में भी
पाई जाती है।
गर्म जलवायु
में मौसम सूखा रहता है। वर्षा या तो नहीं होती या बहुत कम
होती है। दोपहर में दिन का तापमान बहुत अधिक होता है। अधिक
सूखे स्थानों पर मरूस्थल पाया जाता है। कम सूखे स्थानों पर
घास के मैदान हो सकते हैं। अफ्रीका व मध्यपूर्व के अधिकतर
स्थानों तथा आस्ट्रेलिया व अमेरिका के भी कुछ हिस्सों में
यह मौसम पाया जाता है।
इस प्रकार विश्व के अनेक
देशों में मिले जुले मौसम पाए जाते हैं। भारत में ध्रुवीय
छोड़ कर बाकी चारों प्रकार के मौसम होते हैं तथा उत्तर भारत
में छे ऋतुएं होती हैं। |