उत्तरी
और दक्षिणी ध्रुव की खोज
१८२० में ही धरती पर
अंटार्कटिक का पता लगा लिया गया था, लेकिन बीसवीं
शती के प्रारंभ तक उत्तरी और
दक्षिणी ध्रुव की खोज नहीं हो सकी। हालांकि इसे खोजने के
प्रयत्न जारी थे। ब्रिटिश नौसेना अधिकारी विलियम एडवर्ड पैरी
ने १८२७ में और १८७१ में एक अमेरिकी दल ने चार्ल्स
फ़्रांसिस हॉल के नेतृत्व में उत्तरी ध्रुव तक पहुँचने के
असफल प्रयत्न किए।
इसके बाद भी प्रयत्न जारी रहे
लेकिन इस बर्फीली जमीन पर मानव के पैर १८९० में ही
पड़े। १९०१ में अमेरिकी नागरिक रॉबर्ट पियरे और उनका दल
विश्व के पहले अन्वेषक थे जो उत्तरी ध्रुव तक पहुँचे।
प्रारंभिक अन्वेषक फ़र और
पशुओं की खाल से बने वस्त्र पहनते थे जिससे शरीर तो गर्म
रहता ही था, इसमें त्वचा भी ठीक से साँस ले सकती थी। आधुनिक
खोजयात्री अनेक अस्तरों वाले कपड़े पहनते हैं जिसकी अनेक
परतों में रुकी हुई हवा शरीर को गर्म रखती है।
१९११ में नार्वे के रोअल्ड
अमंडसन दक्षिणी ध्रुव पर पहली बार पहुँचे। इसके एक ही महीने
बाद रॉबर्ट फ़ैल्कन के नेतृत्व में ब्रिटिश टीम ने जनवरी
१९१२ में यहाँ अपना झंडा गाड़ा।
नार्वे के अन्वेषकों द्वारा
खोज यात्राओं में सामान ढोने के लिए कुत्तों द्वारा खींची
जाने वाली स्लेड गाड़ियों का प्रयोग किया जाता था। |