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फुलवारी खोज-कथाएँ

समुद्र के पार संसार

समुद्र के रास्ते मसालों के द्वीप इंडोनेशिया तक पहुँचने का सपना विश्व में जिस पहले यूरोपीय व्यक्ति ने देखा वह था पुर्तगाल का समुद्र यात्री फ़ेर्दिनन्द मग्गेलन, जो स्पेनी प्रशासकों की सेवा में था। सन १५१९ में उसने यूरोप के पश्चिम से होते हुए एशिया की ओर अपनी यात्रा प्रारंभ की। किसी भी नाविक को उसने नहीं बताया कि वे कहाँ जा रहे हैं। उसे भय था कि वे सब डर जाएँगे और इस यात्रा में उसका साथ नहीं देंगे।

दक्षिणी अमेरिका से गुज़रते हुए उसके दो जहाज़ एक तूफ़ान में पूरी तरह नष्ट हो गए। लेकिन उन्होंने इस यात्रा में एक नए मार्ग की खोज की जिसे मग्गेलन जलडमरूमध्य के नाम से जाना जाता है। मग्गेलन का सपना इंडोनेशिया तक पहुँचकर वापस लौटने का था लेकिन वह फ़िलिपींस के ऐतिहासिक मकतान युद्ध में मारा गया। ५ समुद्री जहाज़ों और २६० नाविकों का यह समुद्री बेड़ा तीन साल बाद जब वापस स्पेन पहुँचा तब उसमें केवल १८ व्यक्ति जीवित बचे थे।

समुद्र के रास्ते पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला पहला व्यक्ति था ब्रिटेन का सर फ्रांसिस ड्रेक। उसने अपनी यात्रा १५७७ में मग्गेलन द्वारा खोजे गए रास्ते से प्रारंभ की और सफलता पूर्वक १५८० में ब्रिटेन वापस लौटा। चित्र में इन दोनों नाविकों के रास्ते दिखाए गए हैं। बाईं ओर मग्गेलन का चित्र है और दाईं ओर सर फ्रांसिस का।

खोज कथाएँ ..३.४.५.६ 

४ फ़रवरी २००८

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