अभिव्यक्ति में नासिरा शर्मा
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नासिरा शर्मा
नासिरा शर्मा का जन्म १९४८
में इलाहाबाद में हुआ। साहित्य उन्हें विरासत में मिला।
फ़ारसी भाषा व साहित्य में एम ए करने के अतिरिक्त हिंदी,
उर्दू, फ़ारसी, अंग्रेज़ी, पश्तो भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़
है। वह ईरानी समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य कला व
सांस्कृतिक विषयों की विशेषज्ञ हैं।
प्रकाशित कृतियाँ- अब तक दस
कहानी संकलन, छह उपन्यास, तीन लेख-संकलन, सात पुस्तकों के
फ़ारसी से अनुवाद, 'सारिका', 'पुनश्च' का ईरानी क्रांति
विशेषांक, 'वर्तमान साहित्य' के महिला लेखन अंक तथा 'क्षितिज
पार' के नाम से राजस्थानी लेखकों की कहानियों का संपादन।
'जहाँ फव्वारे लहू रोते हैं' के नाम से रिपोर्ताजों का एक
संग्रह प्रकाशित। इनकी कहानियों पर अब तक 'वापसी', 'सरजमीन'
और 'शाल्मली' के नाम से तीन टीवी सीरियल और 'माँ', 'तड़प',
'आया बसंत सखि', 'काली मोहिनी', 'सेमल का
दरख़्त' तथा 'बावली'
नामक दूरदर्शन के लिए छह फ़िल्मों का निर्माण।
पुरस्कार-सम्मान- २००८ में अपने उपन्यास कुइयाँजान के लिए
यू.के. कथा सम्मान से सम्मानित।
संपर्क-
nasera.sharma@yahoo.co.in
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