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लंदन से महेश
आया हुआ है। यारी रोड का अपना मकान खाली कराने के लिए। दो बरस
पहले जब वह हमेशा के लिए लंदन बसने के इरादे से बंबई से गया था
वो एक भरोसेमंद एजेंट की मार्फत एक बरस के लिए अपना मकान एक
मलयाली को दे कर गया था। तय हुआ था कि वह ठीक एक साल बाद मकान
खाली कर देगा। और भी कुछ वायदे किये थे उसने, मसलन वह महेश की
सारी डाक एस्टेट एजेंट के पास पहुँचाता रहेगा जो उसे किसी न
किसी जरिये से लंदन भिजवाने का इंतजाम करने वाला था। सारे बिल
अदा करेगा और सोसाइटी चार्जेज वक्त पर अदा करेगा। लेकिन उसने
कोई भी वायदा पूरा नहीं किया था। न डाक भिजवायी थी, न टेलिफोन
बिल अदा किये थे, न ही सोसायटी चार्जेज समय पर दिये थे। और तो
और, बीच-बीच में बिल अदा
न किये जाने के कारण दो तीन बार बिजली भी कट चुकी थी।
उससे यह भी तय हुआ था कि वह मकान का किराया नियमित रूप से महेश
की तरफ से एजेंट को देता रहेगा, लेकिन किराया भी उसने छ: सात
महीने का ही जमा कराया था।
महेश बता रहा है कि उसने किरायेदार को कई पत्र लिखे, संदेश
भिजवाये लेकिन किसी भी तरह से वह पकड़ में नहीं आया। |