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डाक टिकटों में गांधी
—राजेश कुमार सिंह

१९९८ में गांधी जी की पुण्य तिथि के अवसर पर भारत ने ४ डाकटिकटों का एक समूह जारी किया, जिसमें उनके जीवन की चार प्रमुख घटनाएँ प्रदर्शित की गई हैं। पृष्ठभूमि में लाल किला दिखाया गया है जिस पर राष्ट्रध्वज फहरा रहा है। बायीं ओर ऊपर दक्षिण अफ्रीका में किसानों के लिए किए गए उनके कार्य को दर्शाया गया है।

दाहिनी ओर ऊपर गाँव का दृष्य है जिसमें एक महिला चरखा कात रही है और पास में ही एक किताब भी रखी है। यह महात्मा गांधी द्वारा किए गए सामाजिक उन्नयन के प्रयासों को प्रदर्शित करता है। नीचे बाईं ओर नमक सत्याग्रह और दाहिनी ओर प्रसिद्ध डांडी यात्रा के चित्र को दिखाया गया है इस टिकट पर सामुदायिक सद्भावना लिखा हुआ है।

ब्रिटेन द्वारा जारी किया गया यह टिकट किसी भी विदेशी व्यक्ति पर जारी किया गया ब्रिटेन का पहला डाक टिकट था। बिमान मलिक नामक भारतीय मूल के प्रवासी द्वारा अभिकल्पित यह डाक टिकट गांधी जी पर प्रदर्शित अंतर्राष्ट्रीय टिकटों की प्रदर्शनी में १९७२ में कलकत्ता में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही एक प्रथम दिवस कवर भी जारी किया गया था जिस पर लाल रंग से चरखे की आकृति बनाई गई थी।

कांगो नामक अफ्रीकी गणराज्य द्वारा जारी यह टिकट किसी भी अफ्रीकी देश द्वारा गांधी जी के स्मृतिस्वरूप जारी किया गया पहला डाक टिकट था। विश्व के सभी देशों में,  भारत और संयुक्त राज्य अमरीका के बाद, महात्मा गांधी पर टिकट जारी करने वाला वह तीसरा गणराज्य था।

इसके अतिरिक्त भी अन्य देशों ने महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी, १२५ वीं जयंती व भारत की ५० वीं स्वतंत्रता वर्षगाँठ पर कई प्रकार के अलग-अलग मूल्यों के डाक टिकट व डाक सामग्रियाँ समय–समय पर जारी की हैं। शांति के मसीहा व सहस्त्राब्दि के नायक के रूप में भी अनेक देशों ने, गांधी जी के चित्रों को आधार बना कर डाक टिकट व अन्य डाक सामग्रियाँ जारी की हैं।

भिन्न–भिन्न देशों द्वारा जारी किए गए टिकटों में गांधी जी के विषय में रोचक जानकारी मिलती है। जिब्राल्टर एवं अफ़गानिस्तान द्वारा जारी कुछ डाक टिकटों पर गांधी जी की कही गई उक्ति- पाप से घृणा करो पापी से नहीं उद्धृत है। गांबिया द्वारा जारी एक डाक टिकट में गांधी जी को तथाकथित गांधी टोपी पहने देखा जा सका है। इस प्रकार का यह विश्व में अकेला टिकट है।

फ्यूजीरा जो संयुक्त अरब इमारात का एक राज्य है, द्वारा जारी एक टिकट में गांधी जी की जन्मराशि (तुला) का चिह्न भी प्रदर्शित है। निकारागुआ के एक चित्र में गांधी जी को अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ दिखाया गया है। यह टिकट इसलिए विशेष माना गया था क्यों कि इसमें रूसी अंतरिक्ष यान का उत्कीर्ण किया हुआ चित्र सोने का बना हुआ था। टिकट के जारी होने के बाद इसको तुरंत रोक दिया गया क्यों कि निकारागुआ में सत्ता परिवर्तन हो गया था।

तुर्कमेनिस्तान १९९७ में एक टिकट जारी किया जिसमें भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी दिखाया गया है। (दाएँ)  कहते हैं, टिकट के कलाकार ने इंदिरा जी को महात्मा गांधी की पुत्री समझ कर इस टिकट में साथ–साथ दिखाया। मूल कल्पना का बाद में पता चलने पर भी टिकट को वैसे ही रहने दिया गया। यह टिकट भारत की स्वतंत्रता के ५० वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रकाशित किया गया था।

बाईं ओर दिखाई देने वाले गांबिया के टिकट में गांधी जी को उनकी सुप्रसिद्ध गांधी टोपी में देखा जा सकता है। यह विश्व का एकमात्र ऐसा टिकट है जिसमें गांधी जी ने यह टोपी पहनी है। इस प्रकार डाक टिकटों के बारे में जान कर संपूर्ण विश्व में महात्मा गांधी के प्रति सम्मान व आदर के भाव को आसानी से समझा जा सकता है।

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1 A@tUbar 2005

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