| भारत में गांधी जी के डाक टिकट 
                    जारी होने से पहले १३ जनवरी १९४८ से १८ जनवरी १९४८ के बीच जिन 
                    दिनों गांधी  दंगों को रोकने के लिए उपवास पर बैठे हुए थे, उन दिनों डाक 
                    व्यवस्था को प्रचार का माध्यम बना कर दिल्ली और कलकत्ता के 
                    डाकघरों से सांप्रदायिक दंगों को रोकने का संदेश मुहरों पर 
                    अंकित कर दिया जाने लगा था।
 
                    gगांधी जी पर सबसे पहले 
                    जारी होने वाले टिकट उनकी ८० वीं वर्षगाँठ पर २ अक्तूबर १९४९ 
                    को उन्हें समर्पित किए जाने के उद्देश्य से बनाए गए थे। लेकिन 
                    ३० जनवरी १९४८ को महात्मा गांधी की हत्या के बाद इन टिकटों को 
                    चार विभिन्न दरों की मुद्राओं में विक्रय हेतु राष्ट्र की 
                    प्रथम स्वतंत्रता वर्षगाँठ पर १५ अगस्त १९४८ को जारी किया गया। 
                    इन टिकटों की खास बात यह है कि बापू के हिंदी और उर्दू दोनों 
                    भाषाओं में नाम लिखे हुए सिर्फ़ ये ही टिकट आज तक उपलब्ध हैं। 
                    रूस अपने बडे आकार के सुंदर डाकटिकटों के कारण पूरे विश्व में 
                    जाना जाता है। नीचे दिया गया डाकटिकट रूस की साफ़–सुथरी छपाई 
                    का श्रेष्ठ उदाहरण है।   भारतवर्ष 
                    से बाहर के देशों में लगभग १०० से भी अधिक ने गांधी जी के जीवन 
                    से जुडे विभिन्न पहलुओं को केंद्र में रखते हुए उनके जीवन पर 
                    आधारित विभिन्न डाक सामग्रियाँ व डाक–टिकट जारी किए हैं। इन 
                    देशों में विश्व के सभी महाद्वीपों के देश शामिल हैं। एशिया 
                    महाद्वीप के अफ़गानिस्तान, बर्मा, ईरान, श्रीलंका, कजाकस्तान, 
                    तुर्कमेनिस्तान, किरगीजिस्तान, यमन, सीरिया और साइप्रस जैसे 
                    देश इनमें प्रमुख हैं।
 यूरोपीय देशों में बेल्जियम 
                    हंगरी, चेकोस्लोवाकिया, जर्मनी, जिब्राल्टर, ब्रिटेन, यूनान, 
                    माल्टा, पोलेंड, रोमानिया, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, ईजडेल द्वीप 
                    समूह, मैकोडोनिया, सैन मरीनो और स्टाफ़ा स्काटलैंड के नाम 
                    प्रमुख हैं।  अमरीकी देशों में संयुक्त 
                    राज्य अमरीका ब्राजील, चिली, कोस्टा रीका, क्यूबा, ग्रेनाडा, 
                    गुयाना, मेक्सिको, मोंटेसेरेट, पनामा, सूरीनाम, उरुग्वे, 
                    वेनेजुएला, ट्रिनिनाड व टोबैगो, निकारागुआ, नेविस, डोमिनिका, 
                    एँटीगुआ एवं बारबूडा के नाम उल्लेखनीय हैं। अफ्रीकी देशों में 
                    बुर्कीना फासो कैमरून, चाडक़ामरूज, कांगो, मिश्र, गैबन, 
                    गांबिया, घाना, लाइबेरिया, मैडागास्कर, माली, मारिटैनिया, 
                    मारीशस, मोरक्को, मोजांबिक, नाइजर, सेनेगल, सिएरा लियोन, 
                    सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, टोगो, यूगांडा, और 
                    जांबिया के नाम प्रमुख हैं। आस्ट्रेलियाई देशों में पलाऊ, 
                    माइक्रोनेशिया और मार्शल द्वीप प्रमुख हैं। भारत के अतिरिक्त संयुक्त 
                    राज्य अमरीका वह पहला देश है जिसने महात्मा गांधी के 
                    सम्मानस्वरूप सबसे पहले डाक  टिकट 
                    जारी किए। संयुक्त राज्य अमरीका के इन टिकटों पर अंकित चित्र 
                    भी एक भारतीय चित्रकार आर एल लेखी द्वारा उपलब्ध कराए गए और 
                    इन्हें दो विभिन्न मुद्राओं में विक्रय के लिए जारी किया गया। 
                    चार सेंट के और आठ सेंट के मूल्य के इन दो डाक टिकटों की 
                    १२०,०००,००० और ४०,०००,००० प्रतियाँ जारी की गई थीं। यह भी एक 
                    आश्चर्यजनक तथ्य है कि आज तक महात्मा गांधी के सम्मानस्वरूप 
                    जारी किए गए टिकटों की इतनी बडी संख्या पहले कभी प्रकाशित नहीं 
                    की गई। |