उपहार
में-
नया साल मंगलमय
हो
नया जावा आलेख
नववर्ष की
मंगल कामनाओं के साथ
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दो पल में
अश्विन गाँधी की कलम से
रास्ते में रुकावट
करीब एक साल पहले की बात है, क्रिसमस की
छुटि्टयाँ थीं। दोस्त के परिवार से मिल कर घर आ रहा था कि रास्ते में
रूकावट हो गई घटना सच है, मगर दोस्तों के नाम और स्थान बदले हुए हैं।
क्रिसमस फिर आने को है, सोचा, अपनी रूकावट, क्यों ना अभिजनों से बाँट
लूँ?
यह रही मेरी रूकावट-
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कला दीर्घा में-
सखियाँ
ई बाजार में
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नव
वर्ष विशेषांक
बधाई हो बधाई
में विश्व
के पहले बधाईपत्र की कहानी गृहलक्ष्मी की जुब़ानी
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देश देश में
नव वर्ष
नव वर्ष के अवसर पर चीन और जापान के रीति रिवाज़ों का लेखा
जोखा आशीष की कलम से।
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पर्व परिचय में
जनवरी माह के भारतीय पर्वो का
परिचय
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फुलवारी में
इला प्रवीन की बाल कथा
नये
साल का उत्सव
तथा
पूर्णिमा वर्मन की कविता
नया साल है
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लावण्या शाह
का प्रेरणाप्रद संस्मरण
विनोबा के
अनुयायी मेरे मामाजी
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गुलज़ार की कहानी धुआँ
बात
सुलगी तो बहुत धीरे से थी, लेकिन देखते ही देखते पूरे कस्बे
में 'धुआँ' भर गया। चौधरी की मौत सुबह चार बजे हुई थी। सात बजे
तक चौधराइन ने रो-धो कर होश सम्भाले और सबसे पहले मुल्ला
खैरूद्दीन को बुलाया और नौकर को सख़्त ताकीद की कि कोई ज़िक्र
न करे। नौकर जब मुल्ला को आँगन में छोड़ कर चला गया तो चौधराइन
मुल्ला को ऊपर ख़्वाबगाह में ले गई, जहाँ चौधरी की लाश बिस्तर
से उतार कर ज़मीन पर बिछा दी गई थी। |
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पद्य में
प्रारंभ कर रहे हैं-
हिन्दी कविताओं की एक सम्पूर्ण
अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका
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कहानियों मे-
सत्यजित राय की बांग्ला कहानी का हिंदी रूपांतर-
सहपाठी
अभी सुबह के सवा नौ बजे हैं।
मोहित सरकार ने गले में टाई का फंदा डाला ही था कि उस की
पत्नी अरुणा कमरे में आई और बोली, 'तुम्हारा फोन।'
'अब अभी कौन फोन कर सकता है भला! '
मोहित का ठीक साढ़े नौ बज़े दफ़्तर जाने का नियम रहा है।
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कहानियों में-
शिवानी की रचना-
लाल हवेली
ताहिरा ने पास के बर्थ पर सोए
अपने पति को देखा और एक लंबी साँस खींचकर करवट बदल ली। कंबल से ढकी रहमान अली की
ऊँची तोंद गाड़ी के झकोलों से रह-रहकर काँप रही थी। अभी तीन
घंटे और थे। ताहिरा ने अपनी नाजुक कलाई में बँधी हीरे की
जगमगाती घड़ी को कोसा, कमबख़्त कितनी देर में घंटी बजा रही थी।
रात-भर एक आँख भी नहीं लगी थी उसकी।
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रचना प्रसंग में
हिंदी के वर्तमान स्वरूप पर
सुधा अरोड़ा का आलेख
हिंदी कहानी आज |