जनवरी माह
के पर्व
तीज
त्योहार भारतीय जीवन का सरस पहलू हैं। धार्मिक ही नहीं
सामाजिक जीवन में भी ये हर्षोल्लास की झंकार भर देते हैं।
भारत का कोई भी मौसम या महीना इनके बिना नहीं कटता फिर
जनवरी तो साल का पहला महीना है। भारत की छिटकती हुई रंगीन
पच्चीकारी संस्कृति में हर त्योहार का रंग यहाँ की
संस्कृति की तरह अलग होते हुए भी एक है और एक होते हुए भी
अलग। आइये जनवरी महीने के त्योहारों का आनंद लें।
गणतंत्र दिवस-
हमारा गणतंत्र
दिवस इस महीने का सबसे बड़ा त्योहार है। शायद ही कोई घर ऐसा
हो जहाँ इस सुबह राजधानी में होने वाली परेड का टीवी पर
इंतज़ार न किया जाता हो। राजधानी की इस भव्य परेड में तीनो
भारतीय सेनाओं के जवानों का मार्च, लोक नर्तक, स्कूली बच्चों
के कार्यक्रम तथा विभिन्न राज्यों की झांकियों का वैभवशाली
प्रदर्शन देखने को मिलता है।
मकर संक्रान्ति दूसरा
बड़ा पर्व है जो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से
मनाया जाता है। पंजाब मे लोहड़ी, गुजरात में पतंग उत्सव,
तमिलनाडु में पोंगल और असम में माघ बिहू और उत्तर प्रदेश
में माघ मेला। यह सभी पर्व अंग्रेज़ी तिथि के अनुसार १३-१४
जनवरी को मनाए जाते हैं।
लोहिड़ी का प्रमुख आकर्षण तेरह की रात का अलाव होता है।
मौसम की फसल की चीज़े खाने पीने में होती हैं। रेवड़ी,
मूँगफली गन्ने के रस की खीर और नाच गाना।
असम के भोगली बिहू में भी
अलाव और भोजन इस पर्व के प्रमुख आकर्षण होते है। युवक
युवतियाँ सारी रात जागते और नाचते-गाते हैं।
गुजरात के पतंग उत्सव के
दिन सारा आकाश रंग बिरंगी पतंगों से भर जाता है। छोटे-छोटे
काग़ज़ के दियों की टिमटिमाती हुई रौशनी से बनाई गई विशेष
पतंगें आकाश में अपनी छटा बिखेर देती हैं। विशेष रूप से
तैयार किए गए गुजराती व्यंजन, हस्तकला के नमूने और लोक कला
इस पर्व की सुन्दरता को बढ़ा देते हैं।
पोंगल
तमिलनाडु में पोंगल
लगातार तीन दिनों तक मनाया जाता है। पहला दिन भोगी पोंगल
जो घर में उत्सव मनाने का है। दूसरे दिन सूर्य देवता को
सुगंधित चावल अर्पित किए जाते हैं। इसके अगले दिन मट्टू
पोंगल को गाँव का सबसे प्रचण्ड कार्यक्रम होता है। पशुओं
को नहला कर, उन्हें सजा-सँवार कर उनकी दौड़ कराई जाती है
जो गाँव के जनजीवन मे उत्साह का संचार कर देती है।
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