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अभिव्यक्ति हिंदी पुरस्कार- २०१२ //  तुक कोश  //  शब्दकोश // पता-


२५. . २०१२

इस सप्ताह-

अनुभूति में-
रामशंकर वर्मा, चंद्रसेन विराट, क्षत्रपाल वर्मा, सीमा अग्रवाल और डॉ. गोपाल बाबू शर्मा की रचनाएँ।

- घर परिवार में

रसोईघर में- अंतर्जाल पर सबसे लोकप्रिय भारतीय पाक-विशेषज्ञ शेफ-शुचि के रसोईघर से राजस्थानी व्यंजनों की शृंखला में- आम का गलका।

बचपन की आहट- संयुक्त अरब इमारात में शिशु-विकास के अध्ययन में संलग्न इला गौतम से जानें एक साल का शिशु- एक और निवाला

बागबानी में- बगीचे की देखभाल के लिये टीम अभिव्यक्ति के अनुभवजन्य अनमोल सुझाव- इस अंक में- पालतू पशुओं की सुरक्षा

वेब की सबसे लोकप्रिय भारत की जानीमानी ज्योतिषाचार्य संगीता पुरी के संगणक से- १ जुलाई से १५ जुलाई २०१२ तक का भविष्यफल।

- रचना और मनोरंजन में

नवगीत की पाठशाला में- ार्यशाला-२२ - 'गर्मी के दिन' के लिये आमंत्रित नवगीतों का प्रकाशन पूरा हो चुका है। जल्दी ही समीक्षा देने का प्रयत्न करेंगे

साहित्य समाचार में- देश-विदेश से साहित्यिक-सांस्कृतिक समाचारों, सूचनाओं, घोषणाओं, गोष्ठियों आदि के विषय में जानने के लिये यहाँ देखें

लोकप्रिय कहानियों के अंतर्गत- प्रस्तुत है- ९ नवंबर २००६ को प्रकाशित यू.एस.ए से प्रतिभा सक्सेना की कहानी- तार

वर्ग पहेली-०८७
गोपालकृष्ण-भट्ट
-आकुल और रश्मि आशीष के सहयोग से

सप्ताह का कार्टून-             
कीर्तीश की कूची से

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साहित्य एवं संस्कृति में-


समकालीन कहानियों में संयुक्त अरब इमारात से
पूर्णिमा वर्मन की कहानी उड़ान

अल्बर्ट अबेला से कॉफी लेकर जब साक्षी क्लास में पहुँची तब पहले ग्रुप के प्रेज़ेंटेशन का अंत होने को था। यानी कॉफ़ी आराम से ख़त्म की जा सकती थी। मैम आना गवासा की ओर हल्की सी गुड मार्निंग उड़ाकर वह अपने व्याख्यान को मन ही मन दोहराने लगी। सामने वाले दूसरे छोटे ऑडिटोरियम में सहर मसूद अपने लैपटॉप को प्रोजेक्टर से जोड़ प्रेजेंटेशन की तैयारी में लग चुका था। साक्षी को देख उसने राहत की साँस ली।
“सब कुछ ठीक है ना?” साक्षी ने पूछा।
“अकीद।“ सहर मसूद ने थम्सअप वाली मुद्रा बनाई।
मैडम आना पहले वाले प्रेज़ेंटेशन के बाद पाँच मिनट के लिए अपने ऑफ़िस में जाएँगी। उसके बाद शुरू होगा साक्षी और मसूद का टेस्ट।

टेस्ट बढ़िया रहा। प्रेजेंटेशन में नए जोड़े गए एस.वी.जी. ग्राफ़िक्स ज़बरदस्त थे। रातों रात मसूद ने इन्हें फ्रेंच लाइब्रेरी से उड़ाकर फ्रेंच टैक्स्ट को
... विस्तार से पढ़ें
*

आनंदी रावत का प्रेरक प्रसंग
सत्कार और तिरस्कार
*

डॉ. जगदीश व्योम का आलेख
नवगीत में लोकतत्व की उपस्थिति

*

सुबोध नंदन के साथ पर्यटन
महातीर्थ गया
*

पुनर्पाठ में कला और कलाकार के अंतर्गत
जतीन दास से परिचय

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पिछले सप्ताह- हरसिंगार विशेषांक में


पूर्णिमा वर्मन की लघुकथा
सुअवसर की प्रतीक्षा
*

शोभाकांत झा का
ललित निबंध- हरसिंगार

*

डॉ. सरस्वती माथुर का आलेख
प्रकृति का उपहार- हरसिंगार
*

पुनर्पाठ में डॉ. सुधा पांडे की पुराण कथा
नंदनवन का पारिजात

*

समकालीन कहानियों में भारत से
जयनंदन की कहानी- बाबा का चोला

‘संसार मिथ्या है....ईश्वर ही परम सत्य है’। सोहाने गड़ेरी को बहुत गुस्सा आता था यह वाक्य सुनकर....जब संसार मिथ्या है तो साले तू हिमालय की बर्फ में जाकर जम क्यों नहीं जाता! क्यों शहर-शहर जाकर लाखों की गुरू-दक्षिणा और चढ़ावा वसूलते रहते हो और अपने आलीशान आश्रम में संपूर्ण कुनबों के साथ अय्याशी करते हो ? शहर में बाबाओं की बाढ़ आ गयी थी। हर सप्ताह किसी न किसी कोने में बाबा हाजिर। विशाल पंडाल... भव्य मंच...पुष्पसज्जित नयनाभिराम राजसी सिंहासन... बाबा विराजमान.....लंबी दाढ़ी, लंबे बाल या फिर पूरी तरह सफाचट, तन में गेरूआ चोंगा...मुख मण्डल से प्रवचन रूपी अमृत वर्षा जारी...उसमें सामने बैठकर भींगते हुए भारी संख्या में श्रद्धालू भक्तजन। (प्रवचन को वह शब्दों की जुगाली और श्रोताओं को बुद्धि के द्वार बंद किये हुए एक निरीह प्राणी समझता रहा था।) विस्तार से पढ़ें.

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यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|-
सहयोग : दीपिका जोशी

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