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"पापा, यह गुलाबवाला टेडी बियर अच्छा है ना, खरीद दो
ना पापा'' सिंधु ने ज़िद की।
"नहीं बेटी, तुझे इस से भी बड़ावाला खरीद दूँगा, ठीक
है?''
"नहीं। मुझे बड़े खिलौनों से डर लगता है। मुझे यही चाहिए''
उस टेडी बियर का दाम है
७९५ रुपये।
अख़बारों में
चित्र बनाकर जीवन यापन करने मुझ जैसे प्रेस आर्टिस्ट के लिए यह
बड़ी
राशि है। न.. न.. हम गरीब नहीं... भूखे नहीं रहते। छोटी मोटी
ज़रूरतें आसानी से पूरी होती हैं। उन सबकी तो कोई समस्या नहीं
बस इस तरह की बाकी ही.....।
मेरे सहकर्मी की शादी है। कुछ उपहार खरीदने के लिए यहाँ इस
दूकान पर आया हूँ। लेकिन अपने साथ सिंधु को ले आना मेरी भूल
है। वह तो अभी भी उस टेडी बियर को खरीदने की आशा में उसे हाथ
में पकड़े हुए है। पर मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि सिंधु के साथ
ईमानदारी से रहना ही बेहतर है।
"बेटी, देखो इस के दाम, ७९५ रुपये। मतलब लगभग आठ सौ रुपये। पापा
के पर्स में देखो कितने पैसे हैं, सिर्फ साठ रुपये। तो हम इसे
अभी नहीं खरीद सकेंगे। लेकिन मैं तुम्हारे जन्मदिन तक जरूर
खरीद दूँगा, अगले महीने में ही। |