| गर्मियों के 
					दिनों में मेरे घर के पीछे अक्सर हलचल मची रहती है। यह ठीक है 
					कि मेरी पत्नी पक्षियों के लिए ढेर सारे दाने और रोटी के टुकड़े 
					घर के पीछे फेंक देती है। पर यह हलचल का कारण नहीं है।1
 कई पक्षी स्वयं चुग्गा 
					चुगते हैं और दूसरे पक्षियों को भी आवाजें लगाते हैं? पर कई 
					सिर्फ अपने आप चुग्गा चुगते हैं और दूसरों को पास भी नहीं 
					फटकने देते। पर हलचल का कारण यह भी नहीं है।
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 वास्तव में बात यह है कि जब मासूम चिड़िया दीवार या स्नानघर के 
					कोनों में अपने घोंसले बना लेती हैं तब शारकें तुरन्त हाज़िर हो 
					जाती हैं। चिड़िया जो भी तिनका-तिनका इकठ्ठा करती हैं? शारके 
					उनको एक-एक कर बिखेर देती हैं। पर चिड़ियाँ मोर्चे पर डटी रहती 
					हैं। . . .
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 प्रत्येक वर्ष ऐसा ही होता है। कुछ दिन पहले एक बार जब मेरी 
					पत्नी दोपहर के बाद घर के पीछे गई तो उसने देखा कि घोंसले के 
					नीचे धरती पर एक अण्डा टूटा पड़ा था।
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 "यह शारके की शरारत है।" उसने गुस्से से कहा . "मैं शारकों को 
					इस घर में नहीं आने दूँगी।"
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