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अभिव्यक्ति
में डा कुसुम अंसल की रचनाएँ
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कहानियों
में
आते समय
पानी का रंग
मेज पर जमी धूल
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डा
कुसुम अंसल
स्पीड ब्रेकर से लेकर बस एक
क्रास तक कुसुम अंसल ने अपनी कथा यात्रा में बड़े सधे कदमों
से निरन्तर आगे बढ़ते हुए एक सजग, संवेदनशील और समर्थ कहानी
लेखिका होने की अलग पहचान स्थापित की है। कुसुम अंसल की
कहानियां एक ऐसे संसार से पाठकों का परिचय कराती हैं जो
उसका बहुत जाना पहचाना नहीं है। गत कुछ वर्षों में इस देश
में उभरे नवधनाढ्य वर्ग की आडम्बरपूर्ण और खोखली मानसिकता
को कुसुम अंसल ने अपनी कहानियों में चित्रित किया है, वह
हिन्दी कथा लेखन में विरल है।
'एक और पंचवटी', 'उस तक', 'अपनी–अपनी यात्रा', 'रेखाकृति'
जैसे बहुचर्चित उपन्यासों और धुंएं का सच और विरूपीकरण
जैसे संवेदनशील कविता संग्रहों की सर्जक कुसुम बंसल ने
पंजाब विश्वविद्यालय ह्यचंड़ीगढ़हृ से आधुनिक हिन्दी उपन्यास
और महानगरीय बोध विषय पर शोध प्रबंध प्रस्तुत करके
पी•एचडी• उपाधि प्राप्त की है।
कुसुम अंसल की रचनाएं पंजाबी, उर्दू, मराठी, मलयालम आदि
अनेक भारतीय भाषाओं के साथ ही अंग्रेजी, फ्रेंच, ग्रीक आदि
अनेक यूरोपीय भाषाओं में अनुदित होकर पुस्तकाकार प्रकाशित
हुई हैं।
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