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डॉ फ़कीरचंद शुक्ला की रचनाएँ
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डॉ. फ़कीरचंद शुक्ला
जन्म: २१ सितंबर १९४४ गाँव खिज़राबाद, जिला
रोपड़, पंजाब, भारत
शिक्षा: एम.एस-सी बायोकेमिस्ट्री,
पी-एच.डी. फूड टैक्नालोजी
डॉ. फ़कीरचंद शुक्ला सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक तथा
विख्यात लेखक हैं। अब तक कहानी, नाटक, बाल-साहित्य तथा आहार तथा पोषण विज्ञान पर
हिंदी तथा पंजाबी भाषा में इनकी तीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। अनेकों
राष्ट्रीय तथा राज्य पुरस्कारों से सम्मानित डॉ.शुक्ला को हिंदी साहित्य में
उत्कृष्ट योगदान के लिए 'मिलेनियम-पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है। विज्ञान
को लोकप्रिय बनाने हेतु शिरोमणि लेखक पुरस्कार के अंतर्गत एक लाख रुपया नकद तथा
गोलड मैडल से भी आप सम्मानित किए जा चुके हैं। आपको नाटकों की पुस्तक 'जोत से जोत
जले' के लिए मोहन राकेश पुरस्कार तथा कहानी संग्रह 'नई सुबह' के लिए सर्वोत्तम
कहानी संग्रह का सम्मान भी प्राप्त हुआ है।
कन्नड, तेलुगु, मराठी, गुजराती, सिंधी, मलयालम,
तमिल इत्यादि भाषाओं में आपकी कहानियों के अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। आपके नाटक
मंच व दूरदर्शन पर अभिनीत किए जा चुके हैं। डॉ. शुक्ल स्वयं भी अच्छे अभिनेता हैं।
हाल ही में प्रकाशित आपकी पुस्तक 'निरोग रहने के लिए आहार' आजकल चर्चा में है।
'विषपान' नामक कहानी संग्रह तथा ढाक के तीन पात' नामक हास्य-नाटक आपकी लोकप्रिय
रचनाएँ है।
संप्रतिः
प्रोफेसर तथा विभागाध्यक्ष (सेवा
निवृत), फूड टैक्नालोजी विभाग, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना।
ईमेल :
fcshuklaldh@yahoo.co.in
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