अभिव्यक्ति
में अमरकांत
की रचनाएँ
कहानी
दोपहर का भोजन
पलाश के फूल
|
|
अमरकांत
जन्म- १
जुलाई, १९२५ को ग्राम नगरा, जिला बलिया (उत्तर प्रदेश)
में।
शिक्षा- १९४१ में गवर्नमेंट हाई स्कूल, बलिया से हाई स्कूल।
कुछ समय तक गोरखपुर और इलाहाबाद में इंटरमीडिएट की पढ़ाई, जो
१९४२ के स्वाधीनता-संग्राम में शामिल होने से अधूरी रह गई,
और अंतत: १९४६ में सतीशचंद्र कालेज बलिया
से इंटरमीडिएट किया। १९४७ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से
बी.ए.।
कार्यक्षेत्र- १९४८ में आगरा के दैनिक पत्र 'सैनिक' के
संपादकीय विभाग में नौकरी। आगरा में ही प्रगतिशील लेखक संघ
में शामिल और कहानी-लेखन की शुरूआत। इसके बाद दैनिक 'अमृत
पत्रिका' इलाहाबाद, दैनिक 'भारत' इलाहाबाद तथा मासिक पत्रिका
'कहानी' इलाहाबाद के संपादकीया विभागों से संबद्ध। अखिल
भारतीय कहानी प्रतियोगिता ('कहानी'
मासिक द्वारा आयोजित) में 'डिप्टी-कलक्टरी' कहानी पुरस्कृत।
'मनोरमा' इलाहाबाद के संपादकीय विबाग से
अवकाशप्राप्त।
पुरस्कार व सम्मान-
"इन्हीं हथियारों से"
उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा
व्यास सम्मान से
सम्मानित। ज्ञानपीठ, सोवियत लैंड नेहरू और व्यास सम्मान से
अंलकृत।
प्रकाशित कृतियाँ-
कहानी संग्रह- ' जिन्दगी और जोंक', ' देश के लोग', ' मौत का
नगर', ' मित्र-मिलन' और 'कुहासा'।
उपन्यास- 'सूखा पत्ता', 'आकाशपक्षी', ' काले-उजले दिन',
'सुखजीवी', 'बीच की दीवार', 'ग्राम सेविका', 'खुदीराम' और
'सुन्नर पांडे की पतोहू', इन्हीं
हथियारों से।
बाल-उपन्यास- 'वानर-सेना'।
निधन- १७
फरवरी २०१४
|