मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


घर-परिवार जीवन शैली


१४ प्रश्न जो शाकाहारियों को
सदा झेलने पड़ते हैं
(संकलित)


१- अरे क्या बात करते हो ? तुम मांस नहीं खाते?
जैसे कि शाकाहारी लोग इस दुनिया से नहीं कहीं बाहर से आए हैं, जैसे के वे कोई अजूबे हैं, जैसे कि मांसाहारियों ने शाकाहारी प्राणी पहले कभी देखे ही नहीं। इन्हें कौन समझाए कि भारत में लगभग एक तिहाई से अधिक लोग पूरी तरह से शाकाहारी हैं यही नहीं दुनिया शाकाहार की ओर तेजी से बढ़ रही है। सच तो यह है कि आहार समझाने की चीज नहीं समझने की है। जिसे जो पसंद है वह वैसे भोजन करने के लिये स्वतंत्र है। 

२३ जून १९१४

(अगले अंक में दूसरा प्रश्न)                                                            पृष्ठ- . .

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।