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अवनिका
अरे! हैलो!
कब तक ताकते रहोगे? अब बस भी करो। अधिक मत सोचो, मुझे कहने दो।
यह मेरा ही फोटो है। मैं, अवनिका, उम्र छब्बीस साल, रिहाइश
दिल्ली। इस फोटो में मैं जहाँ हूँ वहीं से शुरू करती हूँ-
कुछ चीजों पर किसी का बस नहीं होता, शायद ईश्वर का भी नहीं। वे
होने के लिए बनी होती हैं, होना ही उनकी नियति होती है। हम
सिर्फ बाध्य होते हैं उसे होते देखते रहने के लिए। मेरे साथ
क्या हुआ? यही तो। मेरे वश में कभी भी कुछ नहीं रहा। मेरे साथ
जो घटता रहा, मैं मूक उसे देखती रही और आज भी देख रही हूँ। इस
सबके पीछे कारण तो कई हो सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण है खुद
को किस्मत के सहारे छोड़ देना और ठोस विश्वास करना कि यही मेरी
किस्मत में लिखा है। किस्मत जैसा कि मैंने पहले कहा 'होना ही
उनकी नियति होती है` का दूसरा रूप है।
मैं एक मॉडल हूँ। आज मैं रैम्प
मॉडलिंग कर रही हूँ। इस समय मैं बैक स्टेज पर हूँ। हमारी फाइनल
रिहर्सल हो रही थी। दो घण्टे बाद शो शुरू होना था। यह फोटो
हमारी यूनिट के फोटोग्राफर विलास ने खींचा था। |