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						बीत चले त्यौहारों के दिन- 
						विमल सहगल
 
 
 
						त्योहारों के दिन बीत चलो 
						हैं लगता है कि इनके साथ ही सदाचार, संस्कार और आभार के 
						दिन भी चले गए। उत्साह का माहौल जिसने हम सभी को घेर रखा 
						था और उम्मीदों और तृप्ति की हवा के साथ मूड को ऊपर उठा 
						दिया था, अब हमें फिर से उस घने कोहरे में धकेल रहा है, जो 
						चारों ओर छितराई उदासी की तरह नीचे उतर रहा है। दशहरे से 
						दिवाली के बीच चलने वाले शारद के मौसम के लंबे उत्साह भरे 
						दिन खत्म हो गए हैं और सर्दियों के आलस भरे दिन शुरू होने 
						वाले हैं। हम सब फिर से थकाने वाली उबकाऊ नौकरियों और नीरस 
						घरेलू कामों की अपनी दिनचर्या के उसी पुराने ढर्रे में 
						वापस आ गए हैं। उस छोटे से विश्राम के बाद गृहिणियाँ अपने 
						साम्राज्य में रसोई घर के नुक्कड़ और कोनों से फिर से 
						परिचित हो रही हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे, जो अपनी पढ़ाई 
						की कैद से इक छोटी सी पैरोल पर छूटे थे, अपनी जेल कोठरियों 
						में वापस भेजे जा चुके हैं। जैसे ही अपनी बालकनियों की 
						रेलिंग और दरवाजों की चौखटों से लिपटी उन एलईडी बल्बों की 
						लड़ियों को उतारा गया, वैसे ही लोगों ने अपने चेहरों से भी 
						मुस्कान के मुखोटे उतार लिये और साथ के साथ सुखदता और 
						विनम्रता के उन मौसमी चेहरों को भी धो, सुखा, सहेज कर रख 
						दिया है। 
 शिष्टाचार और देखभाल का मौसम बीत गया है, मुझे यह एक गंभीर 
						तरीके से याद दिलाया गया जब मैं कल शाम अपनी सोसाइटी के 
						कम्पाउण्ड में लौटा। सुरक्षा गार्ड की जोड़ी, जो एक 
						पखवाड़े से अधिक समय तक मेरी कार को बाहर देखकर गेट खोलने 
						की हड़बड़ी में एक-दूसरे के साथ होड़ कर रही थी और साल भर 
						से अनदेखी मुस्कान के साथ सलाम ठोक रही थी, काफी देर तक 
						मेरी उपस्थिति से अनभिज्ञ बनी खड़ी रही, भले ही मेरी कार का 
						बम्पर लगभग गेट से चिपका उसे चूम रहा था और इंजन की 
						खड़खड़ाहट अपनी बेचेन झुँझलाहट के टॉप गियर में बढ़ती जा रही 
						थी। और जब मैंने झिझकते हुए उनका ध्यान आकर्षित करने के 
						लिये हॉर्न की एक छोटी सी बीप दी, तो मेरे इस दुस्साहस के 
						प्रति आक्रोशित प्रतिक्रिया के रूप में उन्होंने वहीं 
						खड़े-खड़े अपने सलवटों भरे ललाट को मेरी तरफ घुमा कुछ हिकारत 
						के अंदाज़ में अपना रोष जताया। ओह हाँ, कृतज्ञता और 
						ऋणग्रस्तता की चमक निश्चित रूप से इतनी जल्दी उतर गई थी, 
						भले ही पिछले हफ्ते ही मैंने उनके नए सीखे हुए सभ्याचार के 
						प्रदर्शन को पर्याप्त रूप से पुरस्कृत किया था!
 
 पत्नियों के लिये त्योहारों से पहले के दिन बहुत रोमांचक 
						होते हैं जब अलमारी से बाहर बहते परिधानों और आभूषणों के 
						सैलाब में कुछ और नए डिजाइनों की झलक दिखाने के लिये 
						पत्नियाँ खरीदारी के मिशन पर निकलती हैं। उन दिनों पतियों 
						को उनकी पाक विशेषज्ञता के उदार प्रदर्शन और उनकी 
						छोटी-छोटी जरूरतों के लिये नई देखभाल के माध्यम से जीता 
						जाता है और इस तरह उन्हें चेहरे पर शिकन लाये बिना अपनी 
						मेहनत की कमाई को लुटाने के लिये लुभाया जाता है। बच्चों 
						की भी अपनी इच्छा सूची होती है जिसे वे बदलाव के लिये 
						आज्ञाकारी बालक होने और माता-पिता की सलाह सुनने के इच्छुक 
						बनने के मानदेय स्वरूप प्रस्तुत करते हैं। कामवाली बाई को 
						अचानक घर में अतिरिक्त रुचि पैदा हो जाती है। नए जोश के 
						साथ उसकी झाड़-पौंछ उन नुक्कड़ और कोनों तक पहुँचने में 
						सक्षम होने लगती है जो आम तौर पर उसके लिये अदृश्य रहते 
						हैं। उसके हाथ निपुणता की नयी ऊँचाइयाँ छूने लगते हैं और 
						मन मालकिन के प्रति एक नई भक्ति में समर्पित हो जाता है। 
						वह अचानक किसी भी तरह उन सभी समस्याओं को हल करने या दूर 
						रखने में सक्षम हो जाती है जिनके चलते उसे आम तौर पर हर 
						तीसरे दिन छुट्टी की आवश्यकता पड़ती है। वह घर की महिला 
						द्वारा दिए गए काम के निर्देशों को ध्यान से सुनती है और 
						अक्सर खुशी-खुशी इस बात का जिक्र ले आती है कि पिछले 
						त्योहारों वाले दिनों में पड़ोस में कुछ लोग उसके प्रति 
						कितने उदार थे।
 
 कॉमन एरिया के सफाईकर्मी जिन्हें आप आमतौर पर किसी कार्यवश 
						ढूँढते रह जाते हैं, वही अब आपकी बेसब्री से तलाश करते हैं 
						और घंटी बजा-बजा के विनम्रता से पूछते हैं कि क्या आप 
						चाहते हैं कि उन सभी बाहर रखे फूलों के गमलों को थोड़ी देर 
						के लिये हटा दिया जाए ताकि वह फर्श को अच्छी तरह से धो 
						सकें। कार धोने वाला लड़का गर्व से उस चमक की ओर बार-बार 
						इशारा करता है जिसे उसने अपने अतिरिक्त श्रम से पेंट में 
						रगड़ा है। लिफ्ट ऑपरेटर अतिरिक्त दयालु दिखता है और 
						गर्मजोशी से आपका स्वागत करता है और बच्चों के कल्याण के 
						बारे में पूछताछ करने के बाद आपके अच्छे दिन की कामना और 
						किराने की थैलियों को सँभालने या घर तक पहुँचाने में आपकी 
						मदद की पेशकश भी करता है। गेटहाउस के गार्ड अब आपके पत्रों 
						को लेटर बॉक्स में नहीं छोड़ते हैं बल्कि आपके पास से 
						गुजरने का इंतजार करते हैं ताकि वे अपने चेहरे पर मुस्कान 
						के साथ उन्हें व्यक्तिगत रूप से आपको सौंप सकें। अखबार 
						डालने वाला लड़का अखबार को आपके दरवाजे पर फेंकने और जल्द 
						ही गायब हो जाने और आपको रोज़ की देर से डिलीवरी के बारे 
						में शिकायत करने का कोई मौका न देने के बजाय, घंटी बजाता 
						है और दरवाजा खोलते ही आपको दशहरे-दिवाली या नये साल की 
						बधाई देता है। डाकिया, जिसे आपने शायद ही कभी देखा हो 
						क्योंकि डाकघर के माध्यम से आपके पास कोई पत्र कभी आया ही 
						नहीं, वह भी आपको अपने प्रिय त्योहार की शुभकामनाएँ देने 
						चला आता है। उम्मीद की खुशी हवा में तैरती है और हर कोई आप 
						को देख मुस्कुराता है और आपके स्वागत में आँखें बिछाए बैठा 
						दिखता है।
 
 त्योहारों के दिन वास्तव में उपहारों, पुरस्कारों और 
						धन्यवाद के दिन होते हैं। कार्यालय में चपरासी चेहरे पे 
						मुस्कान ओढ़ आपको गुड मार्निंग कह के सलाम बजाता है, आपके 
						इंतज़ार में खड़ा आपकी आज्ञाओं को सुनने के लिये तत्पर रहता 
						है। वह अपनी सहानुभूतिपूर्ण की मलहम भी साझा करता है कि आप 
						कुछ थके हुए लग रहे हैं और उसे आपके लिये एक गर्म कप कॉफी 
						लानी चाहिए। बॉस अच्छे मूड में लगता है और छोटी-छोटी चीजों 
						को नजरअंदाज कर देता है जो आम तौर पर उसे गियर से बाहर कर 
						देती हैं क्योंकि उसका ध्यान साइड टेबल पर पड़े उपहारों के 
						बक्सों और अभी रास्ते में उन सभी संभावित शुभचिंतकों पर 
						होता है और इस तरह कार्यालय का माहौल खुशनुमा होता है। 
						जिनके पास पब्लिक डीलिंग है वे ओवरटाइम काम करते हैं और 
						अपनी छुट्टी टाल देते हैं। यह समय संबंध बनाने, जनता के 
						प्रति अतिरिक्त विनम्र होने और उनके नकद और वस्तु-रूपी 
						आशीर्वाद अर्जित करने का है। बिल क्लर्क ओवरटाइम काम करते 
						हैं और सप्लाइयरस के भुगतान के सभी बकाया का निबटारा तेजी 
						से करते हैं। छोटे-मोटे ऑडिट मुद्दों को दरकिनार कर दिया 
						जाता है और वह ठेकेदार और अन्य सप्लाइयर जिन्होंने 
						कार्यालय के कर्मचारियों को दिवाली की बधाई के साथ कृतार्थ 
						किया है, वह सभी अपने उन बिलों को पारित करवाने में सक्षम 
						हो जाते हैं जो कर्मचारियों की कमी के चलते या बिलों की ही 
						कमियाँ-खराबियाँ होने के कारण महीनों से रुके पड़े थे। 
						त्यौहारों के मौसम के बावजूद कार्यालय में उपस्थिति बढ़ 
						जाती है क्योंकि कोई भी अपने हिस्से के उपहारों से चूकना 
						नहीं चाहता है।
 
 त्यौहारी सीजन खत्म होने के साथ ही लोगों के चेहरों पर 
						मायूसी है और वे छुट्टी के बाद फिर से असहयोग आंदोलन पर 
						हैं। शिष्टाचार और देखभाल ने फिर से पीछे की सीट ले ली है। 
						सर्विस स्टाफ फिर से पहुँच से बाहर हो गया है। घर पर आपको 
						फिर से कोई पूछने वाला नहीं मिल रहा है और आप अभी से 
						बेचेनी और उत्सुकता से तत्पर हैं आने वाले नए साल के 
						स्वागत के लिये जिस वक़्त शिष्टाचार, विनम्रता और मन में 
						उमड़ते उत्साह की वापसी के लिये हम सब अगले एक महीने में इन 
						सभी अच्छे बर्ताव के मौसमी तोहफों के लिये उसे धन्यवाद कह 
						पाएँगे।
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