ब्लॉग से भी ज़्यादा रचनात्मक, आकर्षक और
लोकप्रिय माध्यम आपकी सेवा में आ चुका है - जिसके ज़रिए आप अपने विचारों को इंटरनेट
पर प्रकाशित-प्रसारित कर सकते हैं। जी हाँ, आपने सही अंदाज़ा लगाया है - यह है नया,
ताज़ातरीन तकनॉलाजी - पॉडकास्टिंग, जो कि इंटरनेट प्रयोक्ताओं में तेज़ी से
लोकप्रिय तो हो ही रहा है, इसकी उपयोगिता भी बढ़ती जा रही है। आने वाले समय में,
लगता है हर कोई या तो खुद पॉडकास्टिंग करता मिलेगा या किसी दूसरे की पॉडकास्टिंग
सुनता मिलेगा। लगता है, इंटरनेट का सन २००५, पॉडकास्टिंग को समर्पित होने वाला है।
आइए, देखते हैं कि पॉडकास्टिंग क्या है, और अपनी खुद की पॉडकास्टिंग कैसे तैयार कर
सकते हैं और दूसरों की पॉडकास्टिंग कैसे सुन सकते हैं।
पॉडकास्टिंग क्या है?
एप्पल के आई-पॉड ने संगीत प्रेमियों के दिलों में
तू़फ़ान-सा ला दिया। उठते-बैठते, सोते जागते, हरदम, हर कदम बेहतरीन संगीत सुनना
इतना आसान कभी नहीं था। जब आपके पोर्टेबल म्यू़ज़िक प्लेयर में दस हज़ार से भी
ज़्यादा गानों को भंडार कर रखने की सुविधा अंतर्निर्मित हो, और सारा दिन बिना किसी
परेशानी के हज़ारों गीतों में से चुन-चुन कर सुन सकने की सुविधा आपके पास हो तो आप
शीघ्र ही इससे ऊब कर कुछ नया, अलग कर गुज़रने की सोचेंगे। आई पॉड के कुछ मॉडलों के
ज़रिए आप वार्ता/गीत तथा संगीत को उसके अंतर्निर्मित माइक्रोफ़ोन से रेकॉर्ड भी कर
सकते हैं। अगर इस रेकॉर्डेड ध्वनि को एमपी३ फ़ाइल में परिवर्तित कर इंटरनेट पर डाल
दिया जाए तो इंटरनेट के दूसरे प्रयोक्ता भी इसे डाउनलोड कर सुन सकेंगे।
इंटरनेट पर प्रकाशित एमपी३ फ़ाइलों को आई पॉड जैसे
हार्डवेयर म्यूज़िक प्लेयर, स्मार्ट मोबाइल फ़ोनों या विंडोज़ मीडिया या विनएम्प
जैसे सॉफ्टवेअर म्यूज़िक प्लेयर के ज़रिए सुनने के लिए आरएसएस फ़ीड के ज़रिए विशेष
तरह के सॉफ्टवेअर प्रोग्रामों द्वारा नियमित डाउनलोड किया जाए तो यह एक तरह की
नियमित, ध्वनि ब्रॉडकास्टिंग जैसा रूप ले लेगी। इसे ही पॉडकास्टिंग कहा जाने लगा।
यह नई, अलग तरह की तकनॉलाज़ी पॉडकास्टिंग आपके ध्वनि संसार को पूर्णत: देने के लिए
तत्पर है। और, यदि आपको गीत संगीत में मज़ा नहीं आता है, तो भई और भी बहुत सारी
संभावनाएँ हैं यहाँ - आप अपनी राजनीतिक टीका टिप्पणियों, चुटकुलों, क्रिकेट चर्चा
या फिर सिर्फ़ टपोरी टाइप वार्ता को ही प्रकाशित कर सकते हैं, या इसी तरह की
प्रकाशित ध्वनि फ़ाइल को डाउनलोड कर सुन सकते हैं। सोच-सोच कर, उँगलियाँ तोड़ कर
ब्लॉग लिखने के बजाए अपनी गपशप को सीधे ही रेकॉर्ड कर प्रकाशित करना कितना मज़ेदार
है - और तो और, आप अपने मित्र के साथ हुए वाकयुद्ध को भी रेकॉर्ड कर प्रकाशित कर
सकते हैं। पर ध्यान रहे, कानून का पालन हो, जैसे कि पाइरेटेड गीत संगीत हरगिज़
प्रकाशित न करें, नहीं तो लेने के देने भी पड़ सकते हैं।
इंटरनेट पर पॉडकास्टिंग ध्वनि फ़ाइलें
बनाना, इंटरनेट पर प्रकाशित करना, उन्हें सुनने के लिए डाउनलोड करना इत्यादि के
लिए, कुछेक प्रीमियम सेवाओं को छोड़ दें, तो व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए मुफ़्त के
तमाम औज़ार उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है और फलस्वरूप
पॉडकास्टिंग भी दिन दूना फैलता जा रहा है। और, अभी पॉडकास्टिंग शुरू हुए साल भी
नहीं बीता है कि आपको हर विषय - ज़र-ज़मीन-जोरू से लेकर नर-नृप और नरक तक के
पॉडकास्ट मिल जाएँगे। गीत संगीत और शैक्षणिक विषयों के पॉडकास्टिंग की तो बाढ़-सी आ
गई है। आरंभ में पॉडकास्टिंग को आई पॉड में अतिरिक्त इस्तेमाल के लिए डिज़ाइन किया
गया था, परंतु एमपी३ फ़ाइल फ़ॉर्मेट होने के कारण इसका इस्तेमाल किसी भी एमपी३
प्लेयर, चाहे सॉफ्टवेअर आधारित हो या हार्डवेअर, सभी में समान रूप से किया जा सकता
है। पॉडकास्टिंग की लोकप्रियता का शायद यही कारण है।
पॉडकास्टिंग के लिए किन औज़ारों की
आवश्यकता होगी?
शुरुआत के लिए आप अपने मल्टीमीडिया कुंजीपट के
अंतर्निर्मित माइक्रोफ़ोन से अपनी वार्ता को रेकॉर्ड कर सकते हैं। यदि आपके पास ऐसा
कोई साधन नहीं है तो आपको एक माइक्रोफ़ोन ख़रीदना होगा जो आपके पीसी के साउंड कार्ड
के लाइन इन या माइक्रोफ़ोन जैक से जुड़ सकता हो। अगर आपके पास लैपटॉप है, तो शायद
माइक्रोफ़ोन का जैक पिन लगाने की सुविधा उसमें न हो तो फिर आपको यूएसबी माइक्रोफ़ोन
ख़रीदना पड़ सकता है। ध्यान दें कि अच्छी ध्वनि रेकॉर्डिंग के लिए अच्छा
माइक्रोफ़ोन तो ज़रूरी है ही, वातावरण भी शोर रहित होना चाहिए। आप अपनी वार्ता
विंडोज़ के साउंड रेकॉर्डर से रेकॉर्ड कर सकते हैं या अन्य मल्टीमीडिया अनुप्रयोगों
जैसे कि जेट ऑडियो या आउडासिटी (http://audacity.sourceforge.net)
से भी रेकॉर्ड कर सकते हैं। यदि आप अपनी वार्ता विंडोज़ साउंड रेकॉर्डर से रेकॉर्ड
करते हैं तो यह उसे .wav
फॉर्मेट में रेकॉर्ड करता है। आपको इसे एमपी३
फ़ाइल फॉर्मेट में ध्वनि परिवर्तक प्रोग्रामों जैसे कि डीबी पॉवरएम्प म्यूजिक
कनवर्टर (http://www.dbpoweramp.com/)
की सहायता से बदलना होगा। जेट ऑडियो जैसे कुछ मल्टीमीडिया प्रोग्राम सीधे ही एमपी३
फ़ाइल फॉर्मेट में रेकॉर्ड कर सकते हैं। जब आप अपनी वार्ता या गीत संगीत, कुछ भी
रेकॉर्ड कर लेते हैं और उसे एमपी३ फ़ाइल फॉर्मेट में बदल लेते हैं तो फिर आपकी रचना
पॉडकास्ट करने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाती है। आप अपनी ध्वनि फ़ाइल को संपादित
कर सकते हैं, उसमें विशेष प्रभाव भी डाल सकते हैं - इसके लिए बहुत से प्रोग्राम भी
हैं। ऐसा ही एक अच्छा फ्रीवेयर प्रोग्राम है आउडासिटी (http://audacity.sourceforge.net
) जो न सिर्फ़ आपकी ध्वनि फ़ाइलों को
संपादित-परिमार्जित करने देता है, यह ध्वनि रेकॉर्डर भी है जिससे सीधे ही एमपी३
फ़ाइल में सहेजा जा सकता है। अपने पीसी पर आप फ्रूटी लूप जैसे सॉफ्टवेअर
प्रोग्रामों की सहायता से अपना स्वयं का ऑर्केस्ट्रा भी बना सकते हैं, जिसे
पॉडकास्ट किया जा सकता है।
अपनी रचना कैसे पॉडकास्ट करेंगे?
आपकी ध्वनि फ़ाइलों को इंटरनेट पर प्रकाशित करने
के लिए यानी पॉडकास्टिंग के लिए प्रीमियम सेवाएँ/ जैसे कि ऑडिओ ब्लॉग (http://www.audioblog.com)
हैं जो आपकी असीमित आकारों तथा असीमित संख्याओं की ध्वनि फ़ाइलों को प्रतिमाह मात्र
२५० रुपए में प्रकाशित करने का अवसर देती हैं। परंतु इंटनरेट पर बहुत-सी ऐसी सेवाएँ
हैं जो आपको मुफ़्त में पॉडकास्टिंग की सुविधा देती हैं। ऐसी ही, मुफ़्त में
पॉडकास्टिंग करने की सुविधा प्रदान करने वाली एक साइट है अवरमीडिया (http://www.ourmedia.org)।
अवरमीडिया एक विश्वसनीय, तेज़ी से लोकप्रियता की ओर अग्रसर होती साइट है। अवरमीडिया
के ज़रिए रचना को पॉडकास्ट करने के लिए, यहाँ पंजीकृत तो होना होता ही है, साथ ही
आर्काइव.ऑर्ग (http://www.archive.org)
पर भी पंजीकृत करना होता है, चूँकि यही साइट आपकी मीडिया फ़ाइलों को इंटरनेट पर
होस्ट करती है। एक बार दोनों साइटों पर पंजीकृत हो जाने के उपरांत किसी भी ध्वनि
फ़ाइल को पॉडकास्ट करना उतना ही आसान होता है जैसे कि किसी फ़ाइल को चुनकर उसे
अपलोड करना। इसके लिए अवरमीडिया में आसान से, समझ में आने वाले इंटरफेस हैं।
अवरमीडिया में आपकी प्रकाशित ध्वनि फ़ाइलों के लिए अलग से मीडिया आर.एस.एस. कड़ी का
प्रतीक दिया जाता है। यही पॉडकास्ट करने की कड़ी होती है जिसे लोगों को बताया जाता
है। इसी मीडिया आर.एस.एस. कड़ी को तमाम पॉडकास्ट निर्देशिकाओं जैसे कि (http://www.ipodder.org)
में प्रकाशित किया जाता है - तमाम दुनिया को यह बताने के लिए- "दुनिया वालों सुन लो
मेरी भी बात"
मैं अपने मित्र की पॉडकास्टिंग कैसे सुन
सकता हूँ?
क्या आपके पास आई पॉड है? यदि हाँ, तो आईपॉड़ के
ज़रिए पॉडकास्ट सुनना अत्यंत आसान है। आई टयून का ताज़ातरीन संस्करण डाउनलोड करिए,
उसे अपने पीसी मॅक में स्थापित करिए, आई पॉड को अपने कंप्यूटर से जोड़िए और, बस -
अपने मित्र के बताए की वर्ड के ज़रिए या उसके मीडिया आर.एस.एस. फ़ीड पते के ज़रिए
आई टयून से इंटरनेट पर ढूँढ़िए। सही ठिकाना मिलते ही आई टयून उसे पॉडकास्ट को
डाउनलोड कर लेगा, और आपके आई पॉड में सिंक्रोनाइज़ करते हुए रख देगा। अब आप मज़े
में उस पॉडकास्ट को कभी भी सुन सकते हैं। यदि आपके पास आई पॉड नहीं है(मेरे पास भी
नहीं है) तो भी कोई बात नहीं, आई टयून के ज़रिए ही आप अपने मित्र के डाउनलोड किए
पॉडकास्ट को अपने कंप्यूटर पर साउंडकार्ड के ज़रिए सुन सकते हैं। वैसे, पॉडकास्ट को
नियमित अंतराल पर डाउनलोड करने के लिए फ़ीड रीडर की तरह के सॉफ्टवेअर प्रोग्राम
जैसे कि आई पॉडर (http://www.ipodder.org)
भी जारी किए जा चुके हैं, जो एक बार सेट कर देने के उपरांत आपकी मन चाही जगह से
नित्य, नियमित अंतराल से आपके लिए पॉडकास्ट को डाउनलोड करते रहते हैं और आपको आई
पॉड जैसे हार्डवेअर उपकरणों या सॉफ्टवेअर म्यूज़िक प्लेयरों द्वारा सुनवाते रहते
हैं। और कभी आपको लगे कि आपका मित्र तो बहुत बकवास करता है और उसका पॉडकास्ट सुनने
के कतई काबिल नहीं है, तो आप सीधे ही इंटरनेट पर उपलब्ध ढेरों पॉडकास्ट
निर्देशिकाओं जैसे कि (http://www.podcastalley.com ,
http://www.podcast.net, http://www.apple.com/podcasting ,
http://www.podcastbunker.com, http://www.podcastcentral.com)
में जा सकते हैं। वहाँ प्रकाशित सैंकड़ों-हज़ारों पॉडकास्टों में से अपनी रुचि का
पॉडकास्ट ढूँढें और सुनें।
यदि
अभी भी आपको पॉडकास्टिंग के इस धंधे के बारे में कुछ संशय है या आपको कुछ
समझा-सुहाया नहीं हैं, तो, पॉडकास्टिंग के बारे में और भी बड़ी-बड़ी बातों और
ख़बरों के लिए सलाह दी जाती है कि आप (http://www.podcastingnews.com
yaa
http://www.podcastalley.com) में जाकर भ्रमण
करें। यदि आपको कुछ अनिश्चितता-सी है तो आप मेरा पॉडकास्ट (जिसका मीडिया फ़ीड पता
है-
http://www.ourmedia.org/mediarss/user/३३०४३)
सुनने की कोशिश कीजिए। अभी तो सिर्फ़ एक है - पर शीघ्र ही वहाँ प्रतिदिन दर्जनों के
हिसाब से पॉडकास्ट प्रकाशित करूँगा - क्यों कि मुझे भी आखिर अपनी आवाज़ दुनिया के
आख़िरी सिरे तक पहुँचानी जो है।
२४ अगस्त २००५
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