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हरीश नवल को काका हाथरसी पुरस्कार
'काका
हाथरसी पुरस्कार ट्रस्ट' और 'चित्रकलासंगम' द्वारा हिन्दी
भवन में समारोह आयोजित में डॉ हरीश नवल 28 वें
काका हाथरसी पुरस्कार से नवाजे गये।
हरीश नवल के हास्य व्यंग्य की
रचनाओं में व्यंग्य सहज स्थितियों से उपजता है और सीधे
पाठक के दिल तक पहुंचता है। उनके मारक व्यंग्य से ही उन्हें
विशिष्ट व्यंग्यकार कहा जा सकता है।
चित्र में बाएं
सेः कमलेश्वर, डा हरीश नवल तथा अशोक चक्रधर
इस समारोह में पहली बार कवि
सम्मेलन की परंपरा से हटते हुए विचार गोष्ठी की संकल्पना पर
बल दिया गया और 'वाचिक
परंपरा के विविध आयामः संदर्भ हास्य व्यंग्य'
विषय पर साहित्यकारों और विचारकों ने अपनी बेबाक टिप्पणी
की। प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर, कन्हैयालाल नंदन, रामदरश
मिश्र, बालकवि बैरागी के अलावा पत्रकार आलोक पुराणिक,
व्यंग्यकार अशोक चक्रधर, लक्ष्मीनारायण गर्ग समेत कई अन्य
लोगों ने वाचक परंपरा के साथसाथ काका हाथरसी के
कृत्यों पर प्रकाश डाला। साथ में काका हाथरसी के परिवार के
डॉ मुकेश गर्ग समेत ओम प्रकाश आदित्य, सुरेन्द्र शर्मा,
अल्हड़ बीकानेरी, गोविंद व्यास, प्रदीप चौबे, सरोजनी
प्रीतम, डॉ शेरजंग गर्ग, वीरेन्द्र प्रभाकर,राजेन्द्र त्यागी,
पत्रकार अनूप श्रीवास्तव, सुभाष चंदर, डॉ वागेश्वरी चक्रधर
जैसे काई साहित्यकारव्यंग्यकार मौजूद थे।
2006 में काका हाथरसी की जन्म
शताब्दी के अवसर पर डाक टिकट निकालने का विचार भी प्रस्तुत हुआ।
मंच का संचलन अशोक चक्रधर ने किया। उनके द्वारा तैयार
बीजपत्र आलोक पुराणिक ने प्रस्तुत किया जिसमें कवि
सम्मेलनों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे रेखांकित किए गए।
बीजपत्र में कवि सम्मेलनों के बारे में आचार्य महावीर
प्रसाद द्विवेदी के विचार भी उद्धृत किये गये।
काका हाथरसी पुरस्कार प्राप्त
करनेवाले हरीश नवल को पुरस्कारस्वरूप तीस हजा़र रूपये की राशि
और प्रशस्ति का एक ताम्रपत्र प्रदान किया गया। हरीश नवल ने
संगोष्ठी में उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया।
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