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बनाने की
विधि-
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हरी मिर्च का डंठल हटा कर उसे अच्छे से धोएँ और
बारीक काट लें। |
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एक बर्तन में आटा, घिसी लौकी, कसूरी मेथी, हरी
मिर्च, कटी हरी धनिया की पत्ती, नमक, लाल मिर्च
पाउडर, हल्दी, चाट मसाला और २ छोटा चम्मच तेल लेकर
अच्छे से मिलाते हुए आटा गूथें। लौकी के द्वारा
छोड़े गये पानी से यह आटा बहुत आसानी से गुथ जाता
है, लेकिन अगर फिर भी आटा सूखा है तो ज़रा-सा पानी
मिलाया जा सकता है। अगर लौकी ने अधिक पानी छोड़ा
है तो इसमें थोड़ा सा सूखा आटा भी मिलाया जा सकता
है। |
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गुथे आटे को चिकना करके इससे १० लोइयाँ बनाएँ।
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तवा गरम करें। जब तक तवा गरम हो रहा है, इस बीच एक
लोई लें और सूखे आटे की मदद से इस लोई को लगभग ५
इंच गोलाई में बेलें।
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तवे की सतह पर ज़रा सा तेल/ घी लगाकर चिकना करिए
और इसके ऊपर थेपला रखें। दोनों ओर से चित्तियाँ
पड़ जाने पर, थोड़ा सा तेल/घी लगाकर थेपले को
दोनों तरफ से मध्यम आँच पर पराठे की तरह सेंक लें
और गर्म परोसें। |
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वैसे तो लौकी के थेपले ऐसे ही बहुत स्वादिष्ट लगते
हैं लेकिन फिर भी इन्हें स्वादानुसार चटनी रायते
या सब्जी के साथ परोसा जा सकता है।
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टिप्पणी-
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लौकी के थेपले चाय के साथ भी बहुत अच्छे लगते है
इसलिये यात्रा में साथ ले जाने के लिए भी बहुत
अच्छे रहते हैं। |
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लौकी अक्सर बहुत पानी छोड़ देती है और उसमें बहुत
सा आटा मिलाना पड़ता है इससे बचने के लिये कद्दूकस
करने के बाद लौकी में हल्का सा नमक लगाकर छोड़
दें। ५ मिनट के भीतर बहुत सा पानी निकल आता है।
जितनी आवश्यकता हो उतने पानी का प्रयोग करें। बचे
हुए पानी को जूस की तरह पिया जा सकता है, उससे
किसी सब्जी की शोरबा बनाया जा सकता है या दाल को
उबालने के लिये सादे पानी के स्थान पर इस पानी का
उपयोग किया जा सकता है। |
१३ मई
२०१३ |
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