रसोईघर-
मिठाइयाँ |
शुचि की रसोई से |
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अलसी के लड्डू
तिल, पोस्ता, गोंद, आटे और खोये वाले
सामग्री--
(१६ लड्डू के लिये)
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विधि--
- कड़ाही को गरम करें। इसमें मध्यम आँच पर अलसी, काला तिल, और पोस्ता दाने को
अलग-अलग भूनें। यह सभी सामग्री चटकती है, इसलिये सावधानी
रखें।
- जब ये तीनों चीज़ें ठंडी
हो जाएँ तो इन्हे ग्राइंडर में अलग-अलग पीसें। ऐसा इसलिये क्योंकि पोस्ता दाने को पीसने में अधिक समय
लगता है और सबसे जल्दी तिल पिस जाता है।
- एक कड़ाही में घी गरम
करें और मध्यम से तेज आँच पर गोंद को तलें। तली हुआ गोंद
ठंडा होने दें।
- इसी घी में बादाम को
एक मिनट के लिए तलें. और इन्हे भी निकाल कर ठंडा होने के
लिए रखें।
- ठंडा हो जाने पर तले हुई
गोंद और बादाम को ग्राइंडर में अलग-अलग पीस लें।
- कड़ाही के बचे हुए घी में आटा डालें और मध्यम
आँच पर आटे को लाल होने तक भूनें।
- भुना आटा, और सभी
पिसी सामग्री को एक बड़े कटोरे में डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- आटे वाली कड़ाही में
मध्यम आँच पर खोए को २-४ मिनट तक हल्का गुलाबी होने तक भून
लें। इसमें घी डालने की ज़रूरत नही क्योंकि खोए में अपनी
चिकनाई ही काफ़ी होती हैं.
- अब भुने खोए को भी बाकी
सामग्री में मिला लें।
- सभी मिलाई सामग्री
गुनगुनी गरम हो तो उसमें शक्कर डालें और अच्छी तरह से
मिलाएँ।
- लभग १ बड़ा चम्मच
मिश्रण हथेली में लेकर उसे दूसरे हाथ की उँगलियों की
सहायता से गोल करें और लड्डू का आकार दें जैसा ऊपर के
चित्र में
दिखाया गया है।
- स्वादिष्ट और अत्यंत
स्वास्थ्यवर्धक अलसी के लड्डू तैयार हैं। जाड़े के
दिनों में इन लड्डुओं को २ सप्ताह तक फ्रिज के बाहर रख कर
खाया जा सकता है।
टिप्पणी-
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भारत के बाहर ज़्यादातर
देशों में बहुत महीन शक्कर मिलती है, लेकिन अगर आप
भारत में रहती हैं तो शक्कर को पीस कर ही डालें। शक्कर
के स्थान पर बूरे का भी प्रयोग किया जा सकता है। |
६ जनवरी
२०१४ |
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