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रसोईघर- मिठाइयाँ

- शुचि की रसोई से  

चंद्रकला


 सामग्री- (२० चंद्रकला के लिये)
 भरावन के लिये-
bullet खोया/मावा २५० ग्राम
bullet सूजी २ बड़े चम्मच
bullet चिरौंजी २ बड़े चम्मच
bullet नारियल का बुरादा चौथाई कप/ ५० ग्राम
bullet हरी इलायची ५-६
bullet शक्कर २०० ग्राम या ३/४ कप
bullet घी १ बड़ा चम्मच

गुझिया की बाहरी परत के लिये

bullet मैदा २ कप, घी ६-७ बड़े चम्मच, पानी आटा गूँथने के लिये।

सामग्री चाशनी के लिये-

bullet शक्कर १ कप, पानी ३/४ कप, पिसी इलायची चौथाई चम्मच, केसर ५-६ धागे।

कुछ और आवश्यक सामान-

bullet घी तलने के लिये, मैदे का घोल- १ बड़े चम्मच में २ बड़े चम्मच पानी डालें और अच्छी तरह मिलाएँ, बारीक कटे पिस्ता, चंद्रकला को सजाने के लिये।

भरावन बनाने की विधि-
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हरी इलायची का बाहरी छिलका निकालें और दानों को दरदरा कूट लें। एक कड़ाही में मध्यम आँच पर घी गरम करें। इसमें सूजी को गुलाबी होने और सुगंध आने तक भूनें। इसमें नारियल का बुरादा (घिसा/ कद्दूकस करा नारियल भी डाल सकते हैं) डालें और एक मिनट भूनें। खोया/ मावा डालें और दो मिनट के लिये भूनें। आँच बंद कर दें और खोये को ठंडा होने दें। जब खोया हल्का गुनगुना गरम हो तो उसमें शक्कर, केसर, इलायची, और चिरौज़ी डालें और अच्छी तरह से खोये में मिलाएँ। भरावन अब तैयार है।

चाशनी बनाने की विधि-

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एक बर्तन में एक कप शक्कर और तीन चौथाई कप पानी उबालें। शक्कर के पिघलने के बाद और एक उबाल आ जाने के बाद आँच को धीमा कर दें और चाशनी को पकने दें। इस मिठाई के लिये हमें एक तार की चाशनी चाहिए। एक तार की चाशनी को जाँचने के लिये अपनी दो उँगलियों के बीच में एक बूँद चाशनी को लेकर खींचें, अगर उँगलियों के बीच में एक तार बनें तो चाशनी बिल्कुल ठीक है। आँच बंद कर दें और चाशनी में पिसी इलायची और केसर डालें।

चंद्रकला के लिये-

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एक परात/ कटोरे में मैदा, और गरम घी लें। घी को मैदे में अच्छी तरह मिला कर दोनों हथेलियों के बीच रगड़ें। मिलाने के बाद आप देखेगें कि मोयन की वजह से मुट्ठी में भरने पर मैदा का लड्डू जैसा बँध जाता है। यह इस बात की पहचान है कि मोयन ( घी/ तेल) एकदम ठीक मात्रा में है। अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए कड़ा आटा गूँथ गुंथे आटे को गीले कपड़े से ढँककर १५-२० मिनट के लिये ढँककर रखें। १५-२० मिनट के बाद आटा काफ़ी चिकना हो जाएगा। इसको ४० बराबर भागों में बाट लें। लोई को हथेली के बीच घुमा कर चिकना कर लें।

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दो लोई लें और इनको लगभग २ इंच की गोलाई में बेल लें। अब एक बिली हुई लोई लें, इसके किनारे पर मैदा और पानी का बनाया हुआ पेस्ट लगाएँ। इसके बीच में १ बड़ा चम्मच खोया की भरावन रखें। इसके ऊपर एक दूसरी बिली परत रखें और दोनों पूरियों के किनारों को दबाकर इसे अच्छी तरह से बंद कर दें। अगर चाहें तो इसे बंद करने के बाद चंद्रकला के साँचे में रखकर किनारे पर डिज़ाइन बना लें या फिर कटे किनारे वाली चम्मच से डिज़ाइन बनाएँ। या फिर अँगूठे और उँगली से गोठ कर कंगूरे बना दें। इसी प्रकार से सभी चंद्रकला भरकर बना लें। भरी हुई चंद्रकला को गीले कपड़े से ढककर रखें जिससे कि यह सूखे नहीं।

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एक कड़ाही में धीमी आँच पर घी गरम करें। अब इसमें हल्के से कुछ चंद्रकला डालें। यह आपकी कड़ाही के आकार पर निर्भर करता है कि आप कितनी चंद्रकला एक बार में तल सकते है। चंद्रकला को घी में डालने के लगभग ३-४ मिनट बाद उनको घी में आहिस्ता से पलटें। चंद्रकला को गुलाबी- लाल होने तक तलें। इस प्रक्रिया में कुल मिलाकर १५-२० मिनट का समय लगता है।

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तली चंद्रकला को किचन पेपर पर निकाल लें। स्वादिष्ट चंद्रकला अब तैयार है परोसने के लिये।
चंद्रकला को २ हफ्ते तक एअर टाइट कंटेनर में रख सकते हैं ।

पगी चंद्रकला / चंद्रकला को चाशनी में डालने के लिये-

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चंद्रकला को तलने के बाद उसे परोसा जा सकता है लेकिन पगी हुई चंद्रकला ज़्यादा स्वादिष्ट लगती है। इसके लिये पहले से तैयार चाशनी को गुनगुना गरम करें। आँच बंद करें। अब इसमें चंद्रकला को डालें। सब तरफ से चाशनी से लपेट दें। अब चंद्रकला को चाशनी से निकल लें और इसे सर्विंग प्लेट पर रखें। कटे हुए पिस्ता से सजाएँ। चाहें तो इसके ऊपर ज़रा सी पिसी इलायची बुरकें और एक केसर का धागा भी रख दें। चंद्रकला अब तैयार है परोसने के लिये!!

टिप्पणी-

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चंद्रकला बनाना एक “कला” है और इसमें थोड़ा समय लगता है। तो आप चंद्रकला थोड़ी फ़ुर्सत से और धीरज से बनाएँ।

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मैदा की लोई, बेलने के बाद और भरी हुई चंद्रकला सभी को, गीले कपड़े से ढककर रखें जिससे यह सूखने ना पाएँ।

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चंद्रकला की भरावन की सामग्री पहले से तैयार करके रखी जा सकती है और इस भरने के मिश्रण का प्रयोग गुझिया बनाने के लिये भी किया जा सकता है

१ जनवरी २०१६

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