आज
दुर्गापूजा है। मंदिर के बाहर एक बड़ा पंडाल लगा है। पंडाल
में दुर्गा पूजा की तैयारियाँ चल रही हैं। दुर्गा देवी की
एक बड़ी सी मूर्ति रखी गई है। मंगल कलश सजाए गए हैं। बड़े
बड़े दीपदान जल रहे हैं। रंग बिरंगे तोरण लटकाए गए हैं।
गीतू और
मीतू मंदिर में पूजा, आरती और अंजलि के लिये आई हैं। पहले
पूजा होगी फिर आरती और फिर अंजलि दी जाएगी। पंडाल के बाहर
कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे हैं। गीतू और मीतू के
माता पिता बाहर मित्रों से मिल रहे हैं।
पंडाल के
अंदर रोज सुबह और शाम आरती होती है। आरती के बाद सब लोग
अपनी अंजलि में फूल लेते हैं। पुजारी कुछ मंत्र पढ़ते हैं।
सब लोग मंत्र दोहराते हैं। मंत्र पूरा होने के बाद सभी लोग
अंजलि में लिये गए फूल देवी को समर्पित कर देते हैं। आरती
लेते हैं और प्रसाद लेकर घर जाते हैं।
गीतू और
मीतू प्रसाद लेने के बाद घर नहीं जाएँगी। वे यहीं रुककर नृत्य का अभ्यास करेंगी। वे
नवमी को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा ले रही
हैं।
- पूर्णिमा
वर्मन |