फुलवारी

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कहानी की किताब

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गीता कहानियों की नई किताब लाई है। उसको कहानियाँ पढ़ना पसंद है। छुटकू भालू को कहानियाँ सुनना पसंद है। गीता कहानियाँ पढ़ती है और छुटकू भालू कहानी सुनता है।

जब छुटकू भालू कहानियाँ सुनता है तब हर वाक्य के बाद 'हूँ' कहता है। लेकिन थोड़ी देर बात उसका हूँ सुनाई देना बंद हो जाता है। गीता समझ जाती है कि छुटकू भालू सो गया। वह कहानियाँ सुनते-सुनते सो जाता है।

जब गीता छोटी थी तब वह भी दादी से कहानी सुनते सुनते सो जाती थी। अब गीता बड़ी हो गई है। अपने आप किताब में से कहानी पढ़ सकती है। उसे कहानी पढ़ते-पढ़ते नींद नहीं आती सिर्फ भूख लगती है इसलिये माँ कुछ न कुछ खाने का सामान उसके पास रख देती हैं।

जब वह इस किताब की सारी कहानियाँ पढ़ लेगी तब वह कहानियों की एक और नई किताब लाएगी।

- पूर्णिमा वर्मन

१६ सितंबर २०१३

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