फुलवारी

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बगीचे में चाय

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छुटकू भालू और मीता बगीचे में हैं। छुटकू भालू ने घास पर चटाई बिछाई है। मीता ने एक टोकरी में कुछ फूल रखे हैं, घर में सजाने के लिये। उसने धूप वाली टोपी उतार दी है। धूप चली गई है न, इसीलिये। शाम का समय है। वे दोनो चाय पी रहे हैं। चाय के साथ सैंडविच भी हैं।

माँ कहती है छोटे बच्चे चाय नहीं पीते। वे हमेशा मीता को गिलास में दूध देती हैं। लेकिन लगता है माँ अपनी बात आज भूल गईं। आज तो प्याले में चाय है।

मीता ने एक घूँट लेकर देखा, अरे यह तो चाकलेट वाला दूध है। आहा मजा आ गया। माँ ने दूध में चाकलेट मिलाकर प्याले में भर दिया है। सैंडविच भी मजेदार हैं।

छुटकू भालू ने सैंडविच कुतरते हुए कहा- जब हम बगीचे में चाय पीते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम पिकनिक कर रहे हैं।

हाँ बिलकुल- मीता ने कहा। माँ ने कितना अच्छा नाश्ता बनाया है। अब हम पिकनिक के बाद ये फूल माँ को देंगे, धन्यवाद कहने के लिये।

- पूर्णिमा वर्मन

सितंबर २०१३

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