आज होली है। गीतू और
मीतू के बगीचे में बहुत से मित्र रंग खेलने आए हैं। रंगों
की दो बड़ी बाल्टियाँ हैं। एक में हरा रंग है और दूसरी में
लाल।
गीतू घर के अंदर मिठाई
लेने गई है। मीतू पिचकारी में हरा रंग भर रही है। चीनू और
मीनू भी साथ में हैं। वे लोग रंग भरे गुब्बारे एक दूसरे पर
फेंक रहे हैं। कुछ मित्र गुलाल फेंक रहे हैं। देखो, गुलाल
आँख में न जाए।
होली का खेल मजेदार है।
इसे बगीचे में खेलते हैं। घर के अंदर खेलने से घर गंदा हो
जाता है। थोड़ी देर में हम हाथ मुँह धोकर घर के अंदर जाकर
कपड़े बदलेंगे। माँ ने कहा था ज्यादा देर रंग मत खेलना,
नहीं तो सर्दी लग जाएगी।
- पूर्णिमा वर्मन |