मीतू और
गीतू के घर में एक बगीचा है।
दोनो ने मिलकर बगीचे में नए पौधे लगाए। पहले बीज बोए फिर
उनमें रोज पानी दिया। पौधों में अंकुर फूटे और दो दो
पत्तियाँ निकल आईं।
अब पौधों
को गमलों में लगाना है।
गीतू पौधों वाले गमले लेजाकर दूसरी जगह रख रही है।
जिस पात्र में पौधे लगाए जाते हैं उसे गमला कहते हैं। गमले
बहुत से रंगों के होते हैं। गीतू के हाथ में नारंगी गमला
है। कुछ गमले नीले और हरे भी हैं।
मीतू पौधों में पानी दे रही
है। जिस पात्र से पौधों में पानी देते हैं उसे हजारा कहते
हैं। उसमें से पानी की फुहार निकलती है। मीतू का हजारा
नीले रंग का है।
बगीचे में एक बाल्टी भी है।
बाल्टी नारंगी रंग की है। बाल्टी में एक खुरपी रखी है।
खुरपी से मिट्टी खोदी जाती है। बगीचे में कुछ बड़े पेड़ भी
हैं। पेड़ हरे हैं। देखो बगीचे में एक बाड़ भी है। बाड़
सफेद है। बगीचे में काम करने को
बागबानी कहते हैं। मीतू और गीतू को बागबानी पसंद है। क्या
तुमको भी बागबानी पसंद है?
- पूर्णिमा वर्मन |