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फुलवारी

<                               धमाचौकड़ी   चंदा के संग                         >

आसमान में चाँद था, चंदामामा वाला। चमचम करता हुआ। चाँद पर दो देवदूत थे।
देवदूत नहीं जानते?
ईश्वर के भेजे हुए नन्हें मुन्ने बच्चे जिनके छोटे छोटे पंख होते हैं। वे आसमान में सब जगह उड़कर पहुँच सकते हैं। चाँद पर जा सकते हैं। धरती पर भी आ सकते हैं।

इन देवदूतों का नाम था नीरू और वीरू।
चाँद से दूर, आसमान के दूसरे कोने पर वे एक छोटे से घर में रहते थे और बैंगनी बादलों पर सवार होकर चाँद की सैर को निकल पड़ते।
नीरू के बाल हरे थे और वीरू के लाल। दोनो मस्त और हँसी खुशी से भरपूर...
चाँद पीला था लेकिन जब वह हँसता था तो लाल हो जाता था।
नीरू और वीरू चाँद के दोस्त बन गए।

चाँद को भी वे अच्छे लगते थे। कभी कभी दोनो चाँद के साथ मिलकर खूब धमाचौकड़ी करते। हम भी तो धमाचौकड़ी करते हैं न ? क्या तुम्हें भी धमाचौकड़ी पसंद है?

- पूर्णिमा वर्मन

१७ सितंबर २०१२

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