अभिव्यक्ति
में विश्वमोहन
तिवारी की रचनाएँ
हास्य
व्यंग्य में
मेढक टर्र टर्र टर्राते हैं
प्रौद्योगिकी में
क्या प्रौद्योगिकी नैतिक रूप से तटस्थ है
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विश्वमोहन
तिवारी
जन्मः
१९३५ जबलपुर, मध्यप्रदेश, भारत में।
शिक्षाः
१९५६ में टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि
के बाद भारतीय वायुसेना में प्रवेश और १९६८ में कैनफील्ड
इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी यू.के. से एवियेशन इलेक्ट्रॉनिक्स
में स्नातकोत्तर अध्ययन।
प्रकाशित
कृतियाँ-
’छवि और छवियाँ‘, ’विज्ञान का आनंद‘, ’सबसे बलवान कौन‘,
’उपग्रह के बाहर-भीतर‘, ’आनंद पंछी निहारन का‘, ’सरल वैदिक
गणित‘, इलेर्क्ट्रोनिकी युद्ध कला‘, ’बेघर‘ सहित विभिन्न
विषय पर कुल बाईस पुस्तकें प्रकाशित तथा अनेक पुस्तकों का
अनुवाद। विभिन्न विषयों पर लेख प्रकाशित।
१६ देशों का भ्रमण। मानव संसाधन मंत्रालय में १९९६ से
१९९८ तक सीनियर फैलो। रूसी और फ्रांसीसी भाषाओं की जानकारी।
दर्शन और स्क्वाश में गहरी रुचि। अनेक संस्थाओं के संस्थापक,
अध्यक्ष और सलाहाकार।
पुरस्कार
व सम्मान-
’राष्ट्र गौरव रत्न‘, ’मैथिलीशरण गुप्त पुरूस्कार‘,
आत्माराम पुरूस्कार‘, रक्षा मंत्रालय पुरस्कार‘, राहुल
सांकृत्यायन पुरूस्कार‘ सहित चौबीस राष्ट्रीय तथा
अतंरराष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित। संप्रतिः
१९९१ में एअर वाइस मार्शल के पद से सेवा निवृत्त के बाद
लिखने का शौक।
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