अभिव्यक्ति
में विकेश निझावन
की रचनाएँ
समकालीन
कहानियों में
कुर्सी
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विकेश निझावन
जन्म- ७ अक्तूबर १९५० को
अम्बाला में।
शिक्षा- हिन्दी में स्नातकोत्तर उपाधि
कार्यक्षेत्र-
लेखन, संपादन, पत्रकारिता।
प्रकाशित कृतियाँ-
कहानी संग्रह हर छत का अपना दुःख, अब दिन नहीं निकलेगा,
महादान, आखिरी पड़ाव, कोई एक कोना, गठरी, महासागर, मेरी
चुनिंदा कहानियाँ, कथापर्व, मातृछाया आदि।
कविता संग्रह– एक खामोश विद्रोह, मेरी कोख का पाँडव, एक
टुकड़ा आकाश, शेष को मत देखो।
लघुकथा संग्रह–दुपट्टा,
उपन्यास–मुखतारनामा।
साहित्यिक पत्रिका’पुष्पगंधा’ का सम्पादन।
पुरस्कार व सम्मान-
कहानी संग्रह’अब दिन नहीं निकलेगा’ एवं कविता संग्रह’एक
टुकड़ा आकाश’ हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत। कुछ
कहानियाँ राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत। कहानियाँ न चाहते
हुए, ऊदबिलाव, एक टुकड़ा ज़िंदगी का दूरदर्शन पर नाट्य
रूपान्तर। आकाशवाणी से कहानियों एवं कविताओं का नियमित
प्रसारण। कुछ कहानियों का गुजराती, अंग्रेज़ी, पंजाबी,
तेलगू एवं उर्दू में अनुवाद। एवं पी-एच. डी. के लिये शोध।
संप्रति-
स्वतन्त्र लेखन और "पुष्पगंधा" पत्रिका का संपादन।
संपर्क-
vikeshnijhawan@rediffmail.com
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