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व्यक्तित्व

अभिव्यक्ति में
उपेन्द्र नाथ 'अश्क' की रचनाएँ

गौरव गाथा में
पहेली

 


उपेन्द्रनाथ 'अश्क'

जन्म स्थान : जालन्धर पंजाब

शिक्षा : अश्क जी की प्रारम्भिक शिक्षा जालन्धर में हुयी। वे ११ वर्ष की आयु से ही पंजाबी में तुकबंदिया करने लगे थे। बीए करने के बाद अध्यापन का कार्य शुरू किया तथा कानून की परीक्षा विशेष योग्यता के साथ पास की।  

कार्यक्षेत्र
: अश्क जी ने अपना सहित्यिक जीवन उर्दू लेखक के रूप में शुरू किया था किन्तु बाद में वे हिन्दी के लेखक के रूप में ही जाने गए। १९३२ में मुंशी प्रेमचन्द्र की सलाह पर उन्होंने हिन्दी में लिखना आरम्भ किया। १९३३ में दूसरा कहानी संग्रह ‘औरत की फितरत' प्रकाशित हुआ जिसकी भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने लिखी।अश्क जी का पहल काव्य संग्रह ‘प्रात प्रदीप’ १९३८ में प्रकाशित हुआ। बम्बई प्रवास में आपने कहानियाँ,पटकथाएँ, सम्वादर गीत लिखे, तीन फिल्मों में काम भी किया किन्तु चमक दमक वाली जिन्दगी उन्हे रास नही आयी।

प्रकाशित रचनाएँ व सम्मान
उपन्यास : गिरती दीवारे, शहर में घूमता आइना, गर्मराख, सितारो के खेल, आदि
कहानी संग्रह : सतर श्रेष्ठ कहानियां , जुदाई की शाम के गीत, काले साहब, पिंजरा, डी।  
नाटक:लौटता हुआ दिन, बडे खिलाडी, जयपराजय, स्वर्ग की झलक, भंवर।  
एकांकी संग्रह : अन्धी गली, मुखडा बदल गया, चरवाहे।
काव्य : एक दिन आकाश ने कहा, प्रात प्रदीप, दीप जलेगा, बरगद की बेटी, ऊर्मियां।  
संस्मरणः मण्टो मेरा दुश्मन, फिल्मी जीवन की झलकियां
आलोचना: अन्वेष्ण की सह यात्रा, हिन्दी कहानी एक अंतरंग परिचय।
अश्कजी को १९७२ में 'सोवियत लैन्ड नेहरू पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।  

निधन: १९ जनवरी १९९५ को अश्क जी चिर निद्रा में लीन हो गये।

 
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